462.30 लाख से होना था निर्माण
जानकारी के अनुसार श्यामडीह-कनवाही सडक़ निर्माण का कार्य की स्वीकृति 17 अगस्त 2015 में मिली थी, जिसका अनुबंधन ठेका कंपनी के साथ 30 सितम्बर 2015 को हुआ था। निर्माण कार्य की लागत 462.30 लाख रुपए बताई जा रही है, जिसे 2021 में पूर्ण हो जाना था। पुल निर्माण के साथ ही दोनों तरफ सडक़ निर्माण कराया जाना था। ठेका कंपनी किसी तरह पुल का निर्माण तो करा दी, लेकिन सडक़ निर्माण का कार्य अब भी अधूरा है।रिवाइज के कारण अधर में लटका
सेतु निर्माण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पहले यह कार्य 462.30 लाख रुपए की लागत से स्वीकृत हुआ था, लेकिन पुल के दोनों तरफ तरफ 1100 मीटर सडक़ बनाए जाने से इसकी लागत और बढ़ गई। विभाग ने इसके रिवाइज कर साढ़े 6 करोड़ का प्रस्ताव भेजा, जिसे शासन ने अभी तक मंजूरी नहीं दी। सवाल यह उठता है कि 2015 में स्वीकृत हुए निर्माण कार्य को ठेका कंपनी ने समय सीमा में पूर्ण न करते हुए बीते 10 वर्षों से अधर लटका कर रखा है। 3 वर्ष पहले रास्ता बनाने के लिए पहाड़ को काट दिया, जिसमें अब हल्की सी बारिश के बाद दलदल की स्थिति निर्मित होती है।अनमोल सिंह, ग्रामीण
लल्लू सिंह, ग्रामीण
राम प्रकाश, ग्रामीण
राजकूपर, ग्रामीण इनका कहना
यह सडक़ 2012 में पूर्ण हो जानी थी, पहाड़ कटिंग के लिए फॉरेस्ट की अनुमति व रिवाइज एस्टीमेट की शासन स्तर से स्वीकृति नहीं मिल पाने के कारण, अधर पर लटका हुआ है। पत्राचार किया जा रहा है। स्वीकृति मिलते ही कार्य शुरू किया जाएगा। जल्द ही सडक़ मार्ग सुगम हो जाएगा।
वसीम खान, कार्यपालन यंत्री सेतू निर्माण