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Nathdwara News : ग्रामीणों का प्रदर्शन, प्रशासन बैकफुट पर, गेंद सरकार के पाले में…पढ़े पूरा मामला

नाथद्वारा नगरपालिका में आसपास के 10 गांवों को जोडऩे के विरोध में ग्रामीणों ने धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया है। विधायक विश्वराज सिंह ने भी इस मामले में आपत्ति जता चुके हैं।

Feb 08, 2025 / 11:31 am

himanshu dhawal

नाथद्वारा. नगरपालिका में आसपास की पंचायतों के गांवों को जोडऩे का मामला तूल पकड़ चुका है। गांवों के लोग शुक्रवार को फिर शहर में पहुंचे और उपखंड कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। प्रशासन की बेचैनी बढ़ी तो एसडीएम ने हाथों-हाथ मामले की तथ्यात्मक रिपोर्ट तैयार करवाई और कलक्टर को भेजी। कलक्टर ने भी रिपोर्ट राज्य सरकार को अग्रेषित कर दी। इधर, पालिका आयुक्त ने भी स्वायत्त शासन विभाग को एक पत्र भेजा। हालांकि एसडीएम ने आयुक्त को भी एक नोटिस जारी कर इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा है। नाथद्वारा शहर की करीबी पंचायतों के 10 गांवों को पालिका में जोडऩे से नाराज ग्रामीण दोपहर पौने बारह बजे नाथद्वारा एसडीएम कार्यालय पहुंचे। उन्होंने एसडीएम के चैंबर के बाहर धरना दे दिया। ग्रामीणों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। लोगों ने पालिका आयुक्त के रवैये से आक्रोश जताते हुए हाय-हाय के नारे भी लगाए। धरना-प्रदर्शन के दौरान पुलिस अधिकारी व जाब्ता तैनात रहा। इस दौरान पूर्व जनप्रतिनिधियों ने कहा कि पालिका द्वारा गांवों को जोडऩे का जो कदम उठाया है उससे पहले संबंधित ग्राम पंचायतों में ग्राम सभाओं के माध्यम से प्रस्ताव लेना चाहिए था। ग्रामीणों की जानकारी के बिना उनके गांवों को पालिका में जोडऩे की सूचनाओं और सरकार के स्तर पर किए फैसले को गलत बताया। विरोध के चलते उपखंड अधिकारी रक्षा पारीक ने मामले पर नए सिरे से कवायद के लिए एक तथ्यात्मक रिपोर्ट तैयार करवाई। एसडीएम ने ग्रामीणों से बात की व पूरी रिपोर्ट पढकऱ सुनाई। उन्होंने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि आगे की कार्रवाई के लिए रिपोर्ट कलक्टर को भेजी है। दो घंटे के प्रदर्शन के बाद ग्रामीण नगरपालिका कार्यालय पहुंचे। वहां पर भी धरना प्रदर्शन किया और नारेबाजी की। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि अधिसूचना वापस नहीं ली तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा। इधर उपखंड अधिकारी ने शुक्रवार को पालिका आयुक्त को एक नोटिस जारी कर मामले में स्पष्टीकरण मांगा है।

एसडीएम की रिपोर्ट में गांवों से दूरी जैसे तथ्यों का जिक्र

एसडीएम ने कलक्टर को भेजी रिपोर्ट में लिखा कि नगरपालिका आयुक्त ने 24 जनवरी को राजस्व गांवों की सूचना नक्शे सहित अनुशंसा के साथ सीधे स्वायत्त शासन विभाग जयपुर को भेज दी। जिसकी प्रति कलक्टर को भी भेजी। इस संबंध में प्रशासक का पत्रावली पर अनुमोदन नहीं लिया गया। रिपोर्ट में ये भी लिखा कि सरकार द्वारा 28 जनवरी को अधिसूचना जारी कर दी गई है। नगरपालिका द्वारा जिन 10 गांवों के प्रस्ताव भिजवाए उनके जनप्रतिनिधियों, आम लोगों व ग्राम पंचायत आदि को इस संबंध में कोई सूचना नहीं दी गई। इसके लिए आपत्तियां भी नहीं मांगी गई। रिपोर्ट में बताया कि राबचा गांव देलवाड़ा तहसील के राजस्व रिकार्ड में है। गांव पालिका की सीमा से 7 किलोमीटर दूर है, फिर भी इसे शामिल कर लिया गया। राजस्व गांव गोपा कुआ एवं डिंगेला के बीच 3 किमी की दूरी के अलावा श्रीनाथजी का बीड़ा भी स्थित है। ये दोनों गांव आपस में जुड़े नहीं हैं और पालिका से 8 किमी की दूर है। जिससे लोगों को नगरपालिका आने-जाने में परेशानी होगी। गुंजोल ग्राम पंचायत के नया खेड़ा सिरोला, जांबू तालाब क्षेत्र नगरपालिका से 8 किलोमीटर की दूरी पर है। रिपोर्ट में स्वायत्त शासन विभाग, राजसमंद कलक्टर, उपखंड अधिकारी नाथद्वारा व नगरपालिका नाथद्वारा कार्यालयों के बीच हुए पत्राचारों का भी विवरण दिया। इधर आयुक्त सौरभ जिंदल ने भी शुक्रवार को स्वायत्त शासन विभाग जयपुर के निदेशक एवं विशिष्ठ सचिव को पत्र भेजकर विधायक के पत्र के अनुसार कार्रवाई करने की बात लिखी है।

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