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आपकी बात : प्रलोभन देकर धर्मान्तरण के बढ़ते मामलों को लेकर आपकी क्या राय है?

पाठकों ने इस पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं दी हैं। प्रस्तुत हैं पाठकों की कुछ प्रतिक्रियाएं

जयपुरJul 02, 2025 / 01:16 pm

Neeru Yadav

यह गंभीर मुद्दा
प्रलोभन से धर्मांतरण कराने के बढ़ते मामले चिंतनीय हैं। वहीं यह एक गंभीर मुद्दा है। इस तरह के धर्मांतरण न केवल व्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन करते हैं, बल्कि समाज में अशांति भी पैदा करते हैं। धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन, सामाजिक अशांति, कानून का उल्लंघन, नैतिक चिंताएं होने का कारण बने हैं। धर्मांतरण विरोधी कानून का कड़ाई से पालन, लोगों में जागरूकता बढ़ाना ही बढ़ते मामलों पर अंकुश लगा सकेगा। धर्म विरोधी कानूनों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि धार्मिक परिवर्तन स्वेच्छा से हो न कि किसी प्रलोभन से या किसी दबाव के कारण। – शिवजी लाल मीना, जयपुर
धार्मिक स्वतंत्रता का हनन
प्रलोभन देकर धर्मान्तरण कराना न केवल नैतिक रूप से गलत है, बल्कि यह व्यक्ति की धार्मिक स्वतंत्रता का हनन भी है। ऐसे कृत्य समाज में वैमनस्य फैलाते हैं और सांप्रदायिक सद्भाव को चोट पहुंचाते हैं। सरकार को सख्ती से ऐसे मामलों की निगरानी करनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करनी चाहिए ताकि हर व्यक्ति अपने धर्म में स्वतंत्रता से विश्वास रख सके। – डॉ. अभिनव शर्मा, झालावाड़
कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए
धोखे में रखकर या प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराना कानूनी अपराध है तो ऐसे कृत्य करने वालें लोगों ओर संस्थाओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। – शक्ति सिंह चौहान, जोधपुर

समुचित कदम उठाना जरूरी
प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराने के मामले हमारे देश में बढ़ते ही जा रहे हैं। इस प्रकार का धर्मांतरण किसी सिद्धांत से प्रेरित नहीं होता है। इसके पीछे उद्देश्य किसी धर्म विशेष के लोगों की संख्या बढ़ाना होता है। शक्ति प्रदर्शन के अवसरों पर यह भीड़ काम आती है। सरकार को इस प्रकार के धर्मांतरण को रोकने के लिए समुचित कदम उठाना चाहिए। – ललित महालकरी, इंदौर
सामाजिक जागरूकता जरूरी
अधिकतर धर्मांतरण आर्थिक व जातिगत असमानता के कारण होते हैं। धर्मांतरण को रोकने के लिए जातिगत ऊंच-नीच को समाप्त करना होगा। सामाजिक सुरक्षा समानता तथा शिक्षा पर विशेष ध्यान देना होगा। – हुकुम सिंह पंवार, इंदौर
प्रलोभन आधारित धर्म परिवर्तन गैर संवैधानिक
भारत का संविधान नागरिकों को प्रलोभन, दबाव या धोखे से धर्म परिवर्तन को स्वीकार नहीं करता परंतु स्वेच्छा से अपनाए गए धर्म को स्वीकार करता है। प्रलोभन आधारित धर्म परिवर्तन एक चिंता का विषय है। प्रलोभन आधारित धर्म परिवर्तन नैतिक दृष्टि से अनुचित है, यह समाज में अस्थिरता और अविश्वास पैदा करता है। जनता को जागरूक करना आवश्यक है कि धार्मिक आस्था व्यक्तिगत निर्णय होना चाहिए, न कि लाभ पाने का साधन। – डॉ. मुकेश भटनागर, भिलाई

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