विद्यालय स्तर पर खेलों को प्रोत्साहित कर खेल प्रतिभाओं के विकास के लिए प्रत्येक स्कूल में प्राथमिक स्तर से लेकर उच्च माध्यमिक स्तर तक शारीरिक शिक्षक का पद अनिवार्य रूप से भरा जाना चाहिए। खेल सामग्री पर्याप्त मात्रा में होनी चाहिए। – भंवरलाल सारण, बालोतरा
स्कूली स्तर पर खेल को प्रोत्साहित करने के लिए बच्चों के मन में खेल की भावना जगानी होगी। उनके लिए प्रतिदिन स्कूल में एक खेल प्रतियोगिता का आयोजन करना चाहिए। इसके लिए स्कूल में एक अलग से कुछ समय निर्धारित करना आवश्यक है। स्कूल में पढ़ाई के पश्चात बच्चों को थकान महसूस होती है तथा खेल इस थकान को खत्म करता है। – निलेश भारद्वाज, जैजैपुर शक्ति (छत्तीसगढ़)
छात्रों को खेलों से होने वाले शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य लाभ के बारे में बताया जाए। खेलों से अनुशासन भी आता है। विद्यालय में प्रतिदिन एक पीरियड खेल का रखा जाए। खेल शिक्षक की नियुक्ति की जाए ताकि वह बच्चों को नए-नए खेल सीखा सके। पारंपरिक खेलों को भी बढ़ावा दिया जाना चाहिए ताकि ग्रामीण प्रतिभाएं निखरकर सामने आ सके। विद्यालयों में समय-समय पर खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया जाए। विजेता बच्चों को पुरस्कृत किया जाए। – लता अग्रवाल चित्तौड़गढ़
कुछ अपवादों को छोड़ दें तो अधिकांश स्कूलों में या तो खेल के मैदान नहीं हैं और जहां थे वे भी अतिक्रमण के शिकार हो गए। स्कूलों के लिए खेल के मैदान अनिवार्य रूप से आरक्षित करने चाहिए। साथ ही पढ़ाई के समय के साथ ही कुछ समय खेल के लिए प्रतिदिन निश्चित तथा अनिवार्य करना चाहिए। खेल शिक्षक की नियुक्तियां भी सुनिश्चित होनी चाहिए। – हुकुम सिंह पंवार, इंदौर