सड़क दुर्घटनाओं से रोकने के लिए ट्रैफिक पुलिस को समय-समय पर चेकिंग अभियान चलाना चाहिए। चौपहिया वाहनों के लिए सीट बेल्ट और दुपहिया के लिए स्टैंडर्ड मानक के हेलमेट के नियम होने चाहिए। वाहन चलाते समय लाइसेंस की चेकिंग होनी चाहिए। वाहन चलाते समय मोबाइल का उपयोग न करें। अपनी लाइन में ही वाहन चलाए सबसे बड़ी बात वाहन चलाते समय पैदल यात्रियों का भी ध्यान रखें। ट्रैफिक सेंस का ज्ञान होना बहुत जरूरी है। – रामनरेश गुप्ता, जयपुर
अधिकतर सड़क दुर्घटनाओं का कारण लापरवाही से गाड़ी चलाना, ट्रैफिक नियमों का उल्लघंन और ड्राइवर द्वारा नशे में गाड़ी चलाना है। इन सब पर प्रशासन यदि सख्ती करें तो सड़क दुर्घटनाओं में कमी की जा सकती है। – संजय डागा, इंदौर
सार्वजनिक परिवहन और कारपूलिंग के उपयोग को प्रोत्साहित करने से सड़क पर वाहनों की कुल संख्या में कमी लाने और भीड़-भाड़ से संबंधित दुर्घटनाओं को कम करने की क्षमता है। व्यक्तिगत वाहनों पर निर्भरता को कम करके, ये रणनीतियां न केवल यातायात की भीड़ को कम करती हैं, बल्कि शहरी और उपनगरीय दोनों क्षेत्रों के लिए अधिक टिकाऊ और सुरक्षित परिवहन प्रणाली में भी योगदान देती हैं। – डॉ. महिपाल सिंह खंगारोत, टोंक
सड़क दुर्घटनाएं रोकने के लिए व्यक्तिगत और प्रशासनिक उपाय जरूरी हैं। चालकों को यातायात नियमों का पालन करना चाहिए, जैसे गति सीमा, हेलमेट/सीटबेल्ट का उपयोग और नशे में वाहन न चलाना। सरकार सड़कों की मरम्मत, स्पष्ट संकेतक और सीसीटीवी लगाएं। प्रशासन सख्त चालान व्यवस्था लागू करे और जागरूकता अभियान चलाए। पैदल यात्रियों के लिए फुटपाथ बनें। ये कदम दुर्घटनाएं कम करेंगे। – रोहित सोलंकी, पिपरिया