पर्यावरण संरक्षण के लिए माता पिता और शिक्षक को मिलकर बच्चों में अच्छी आदतें विकसित करनी होंगी। इनमें अनावश्यक जलती लाईट को बंद करना ,पानी को बचाना, पैदल चलना, प्लास्टिक का उपयोग कम से कम करना,इरीसाइकिलिंग कम्पोस्टिंग और बागवानी जैसी गतिविधियां शामिल हैं। बच्चों को प्राकृतिक जगहों पर ले जाएं। उन्हें प्रकृति से प्यार करना, आनंद लेना सिखाएं।
—शालिनी ओझा, बीकानेर राजस्थान
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बच्चों को पर्यावरण संरक्षण से संबधित गतिविधियों में शामिल करना चाहिए । बच्चों को घर, गली मोहल्ले, सार्वजनिक स्थानो और विद्यालयों में बच्चों को पेड़ लगाने और पौधों की देखभाल करने के लिए प्रेरित करना चाहिए। उन्हें इसके लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, जिससे उनमें पर्यावरण के प्रति जागरूकता आए।
— कुमार जितेन्द्र “जीत”, मोकलसर
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विद्यालय में विज्ञान तथा भूगोल विषय के माध्यम से बच्चों को पर्यावरण के प्रति जागरूक किया जा सकता है। बच्चे को प्रयोगात्मक तरीके से पर्यावरण को जोड़ना चाहिए, इससे उनमे उत्सुकता भी बनी रहेगी। बच्चों को चित्रकला, संगोष्ठी व प्रोजेक्ट जैसी गतिविधियों के माध्यम से कई जानकारी मिलेंगी जिससे वे जागरूक रहेंगे।
—अंजलि सुन्द्रियाल, उत्तराखंड
इसके लिए स्कूलों में पौधरोपण अभियान, सफाई कार्यक्रम और जागरूकता अभियान आयोजित किया जाना चाहिए। इसमें पोस्टर प्रतियोगिता, प्रदर्शनी, रंगोली और व्याख्यान के माध्यम से पर्यावरण से बच्चों को जोड़ा जा सकता है। विभिन्न प्रकार के प्राकृतिक दृश्य पहाड़, नदियां, जंगल, समुद्र तट पेड़ – पौधे, फूल, वन्य जीव – जन्तु, जानवर, आकाश,आदि जो हमें शांति, सूकून, सुन्दरता और आनंद प्रदान करते हैं, से अवगत करवाकर बच्चों में पर्यावरण के प्रति रूचि जगाई जा सकती हैं।
—डॉ. मनीषा चौहान
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बच्चों को शुरू से ही घर और स्कूल से ही पर्यावरण के महत्व की शिक्षा देना चाहिए। पर्यावरण को हानि पहुंचाने और प्रदूषण से होने वाले नुकसान के बारे में उन्हें बताना चाहिए। पौधों को पानी देने और बगीचे की देखभाल जैसी जिम्मेदारियाँ बच्चों को देनी चाहिए। पर्यावरण विषय पर जागरूकता बढ़ाने हेतु स्कूलों में पोस्टर प्रतियोगिता, निबंध लेखन, ड्राइंग आदि क्रियाकलाप निरंतर चलते रहें। बच्चों को पार्क, जंगल या प्राकृतिक स्थलों की सैर पर ले जाकर पर्यावरण से जोड़कर महत्व बताना चाहिए। बच्चों को पानी बचाने, लाइट्स बंद करने और बिजली का समझदारी से उपयोग करने की आदत डालना अभिभावकों और शिक्षकों को सिखाना चाहिए।
— डाॅ. मुकेश भटनागर, भिलाई, छत्तीसगढ
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पर्यावरण संरक्षण में बच्चे महती भूमिका निभा सकतें हैं। बच्चों में नवाचार करने और खुद को किसी न किसी कार्य में व्यस्त रखने की प्रवृत्ति होती है जिसका सदुपयोग शिक्षक और अभिभावक मिलकर कर सकते हैं। बच्चों को पौध लगाने और उनकी अच्छे से देखभाल करने की आदत विकसित करनी चाहिए।
-रामप्रसाद कसाना, टोंक
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पर्यावरण संरक्षण के लिए जरूरी है बच्चों को इसके फायदे बताए जाएं। उन्हें प्रकृति के निकट ले जाकर इनके न होने से होने वाले नुक़सान के बारे में जानकारी दें। अगर वे बचपन में ही यह समझ गए तो भविष्य में वे पर्यावरण को नुक़सान नहीं पहुंचा सकेंगे। — साजिद अली, इंदौर
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बच्चों को बचपन से ही पर्यावरण का महत्व बताएं। साथ ही उन्हें पौधे रोपने, पॉलिथीन बैग्स का उपयोग न करने, पानी का अपव्यय न करने व बचाने तथा वायु प्रदूषण फैलाने वाली चीजों से दूर रहने जैसी बातें समझाएं।
-वसंत बापट, भोपाल