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आपकी बात…बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए किस तरह के कदम उठाए जा सकते हैं?

पाठकों की मिलीजुली प्रतिक्रियाएं मिलीं, पेश हैं चुनिंदा प्रतिक्रियाएं…

जयपुरApr 17, 2025 / 03:28 pm

विकास माथुर

बुजुर्गों के साथ समय बिताएं
एकल परिवार और नौकरीपेशा के वर्तमान जीवन में बच्चों को अपने से बडों का साथ नही मिल पाता है जिस से उनका धैर्य शीघ्र ही जवाब दे जाता है। ऐसे में उन्हें आत्मविश्वास की सख्त जरूरत होती है। बच्चों को समय-समय पर उनके दादा- दादी, नाना -नानी के बीच रहने का अवसर देना चाहिए। उनकी कहानियों और प्रसंगों से आत्मविश्वास मजबूत होता है। आज के दिखावटी जीवन से बच्चे यांत्रिक होते जा रहे हैं। संयुक्त परिवार में जीवन की यथार्थता से परिचित हो पाएंगे और उनका मनोबल बढेगा।
— गोविंद जांगिड़, रामसर( अजमेर)
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किताबी ज्ञान के साथ व्यावहारिक कौशल भी जरूरी
बच्चों मे आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए उन्हें किताबी ज्ञान के साथ व्यावहारिक कौशल भी सिखाया जाना चाहिए। बच्चों को अनुशासन के साथ पारिवारिक संस्कार दिए जाने चाहिए। उन्हें समय— समय पर उपभोक्तावादी संस्कृति के दुष्प्रभावों के प्रति सतर्क करना चाहिए।
— विनायक गोयल, रतलाम, मध्यप्रदेश
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सकारात्मक माहौल बनाना जरूरी
पेरेंट्स बच्चों के साथ हमेशा सकारात्मक भाषा में बात करें। बच्चों का अधिकतर समय स्कूल में बीतता है। घर आकर बच्चे तभी अपनी बातें पेरेंट्स के साथ शेयर कर सकते हैं जब उन्हें अपनी बात पर रोकटोक न हो। बच्चों का मोबाइल फोन देखने का समय सीमित होना चाहिए। इसके लिए पेरेंट्स को भी मोबाइल पर समय कम व्यतीत करना चाहिए।
— रणवीर बारूपाल, सूरतगढ़
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प्रोत्साहित करना आवश्यक
बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए उन्हें प्रोत्साहन देना बहुत जरूरी है। उनसे घर बाहर के छोटे छोटे काम करनवाने चाहिए। समय समय पर उनकी तारीफ करते रहना चाहिए जिससे उनमें आत्मविश्वास की भावना पनप सके। प्रोत्साहन के माध्यम से ही उनमें नव संचार होता है ।
—बिहारी लाल बालान, लक्ष्मणगढ़ सीकर
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बच्चों से निरंतर संवाद बनाए रखें
बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए बच्चों के निरंतर संपर्क में रहकर उनसे निरंतर संवाद बनाए रखना चाहिए। उन्हें अच्छे बुरे का भेद बताना चाहिए। इससे उनमें आत्मविश्वास आएगा। कुछ बच्चे शर्मीले होते हैं, अपनी बात को ढंग से कह नहीं पाते, उनकी मदद करनी चाहिए, उन्हें समय देना होगा जिससे उनमें आत्मविश्वास आए।
—अंजलि अमोली सुंदरियाल, उत्तराखंड
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खेलकूद की गतिविधियां से बढ़ाएं आत्मविश्वास
शिक्षा से साथ बच्चों को उनकी रुचि के अनुसार खेल गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। बैडमिंटन, स्विमिंग, किक्रेट, वॉलीबॉल, आदि से बच्चे स्ट्रांग बनते हैं। खेल में हार जीत होती रहती है। इससे उन्हें अहसास होगा कि जीवन में सफलता— असफलता दोनों की ही अपनी भूमिका होती है। उनमें इससे जीवन के प्रति आत्मविश्वास बढ़ेगा। गलती होने पर डांट के बजाय गलतियों से सीखने और आगे बढ़ने के लिए उन्हें प्रेरित करें।
— प्रेरणा ओझा, कोटा
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अच्छे संस्कार एवं सही मार्गदर्शन मिले
बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए उनको अच्छे संस्कार एवं सही मार्गदर्शन करने की जरूरत है। बच्चों के अंदर यदि शुरू से उचित, अनुचित का ज्ञान कराया जाए और सही मार्गदर्शन किया जाए तो वो कोई भी निर्णय लेने में गलती नहीं करेंगे। उनके भीतर आत्मविश्वास जागृत होगा। अभिभावक को अपनी निगरानी में बच्चों को निर्णय लेने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
— दिलीप शर्मा, भोपाल, मध्यप्रदेश

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