केस दो: जवाब मिला पत्रावली खो गई उषा देवी के पति सूर्यनारायण जयपुर शिक्षा विभाग में थे। जीपीएफ की राशि कम मिलने पर 30 अप्रेल 2017 को शिकायत की। विभाग ने जवाब दिया कि पत्रावली गुम हो गई। इस बीच 5 नवम्बर 2021 को सूर्यनारायण का निधन हो गया। पत्नी उषा देवी ने राज्य महिला आयोग जयपुर से गुहार लगाई। इस पर बकाया राशि 82701 रुपए का भुगतान दिया गया।
केस तीन: प्रति के निधन के बाद शिकायत कमला आचार्य के पति अनिल कुमार खान एवं भू-विज्ञान विभाग जोधपुर के निधन के बाद जीपीएफ का पूर्ण भुगतान के लिए मूल जीपीएफ पासबुक व अन्य दस्तावेज विभाग में प्रस्तुत किए। भुगतान नहीं मिलने पर महिला आयोग जयपुर में शिकायत दर्ज की। आयोग के नोटिस देने पर 16542 रुपए का भुगतान दिया गया।
सरकारी सेवा में रहने के समय जीपीएफ की कटौती करवाते है। जब सेवानिवृत्ति या निधन के बाद उसके भुगतान की बारी आती है तो राशि कम मिलती है। कर्मचारी से राशि जमा होने के सबूत मांगे जाते है। जिसके ऊपर लिखे तीन उदाहरण है। जिनमें महिलाओं ने संघर्ष कर आखिर अपने हक की राशि प्राप्त की।यह राशि भी उन महिलाओं को राज्य महिला आयोग में गुहार लगाने के बाद मिली। राशि मिलने में भी पांच से साल का समय लग गया।
पूरा प्रोसेस ऑनलाइन
वर्ष 2012 के बाद पूरा प्रोसेस ऑनलाइन है। उसमें सभी कार्मिकों को पूरा पैसा दिख रहा है। यदि किसी का पैसा अटका है तो उससे पासबुक व जीए 55 मांग की जाती है। वर्ष 2012 से पहले कर्मचारी की मैन्यूअलफिडिंग होती थी। उस समय कार्मिक के सर्विस की सब जगह से खाता मंगवाया जाता था। कई बार कर्मचारी अधिक राशि भी कटवा लेते थे। उन सभी का मिलान करने के बाद भुगतान होता था। अब लेजर इस कारण मंगवाते हैं, जिससे कर्मचारी को अधिक राशि नहीं जाए। विश्वास पारीक, अतिरिक्त निदेशक, राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग, जयपुर