तीन छात्राओं की हुई थी मौत
बता दें कि बीते साल दिसंबर महीने में चारभूजा से देसूरी की तरफ आ रही छात्रों से भरी एक स्कूली बस देसूरी नाल के पंजाब मोड़ के पास ब्रेक फेल होने से अनियंत्रित होकर पलट गई थी। बस में कुल 62 छात्र-छात्राएं व शिक्षक सवार थे। हादसे में तीन छात्राओं ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था। इस हादसे में 16 बच्चे घायल हुए थे। इसमें से एक गंभीर रूप से घायल हुआ था। इस दर्दनाक हादसे में माणदेह निवासी ललिता पुत्री प्रकाश नट, आरती पुत्री मीठालाल नट व प्रीति पुत्री पिंटूसिंह की मौत हो गई थी।2007 में हुआ था सबसे बड़ा हादसा
इस दर्दनाक हादसे के बाद सरकार एक्टिव मोड पर आई थी। खुद उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने घाट क्षेत्र का निरीक्षण किया था। उपमुख्यमंत्री ने निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को सड़क के चौड़ाईकरण, क्रॉस बैरियर, रंबल स्ट्रिप लगाने और एलिवेटेड रोड की डीपीआर बनवाने के निर्देश दिए थे। साल 2007 में यहां सबसे बड़ा सड़क हादसा हुआ था। इसमें लगभग 90 व्यक्तियों की जान गई थी। देसूरी नाल संघर्ष समिति का दावा है कि अब तक एक हजार से अधिक लोगों की दुर्घटनाओं में मौत हो चुकी है।कई खतरनाक मोड़
आपको बता दें कि देसूरी-चारभुजा के बीच आठ किलोमीटर का खतरनाक घाट है। देसूरी नाल में 12 खतरनाक मोड़ है, जिससे हर पल हादसे का अंदेशा बना रहता है। ढलान में 5 संकरी पुलिया भी बनी हुई है। यहां के मोड़ एस और एल आकृति हैं, जो कि बेहद खतरनाक हैं। यहां सड़क की चौड़ाई भी महज 5.50 मीटर ही है। सड़क के एक तरफ करीब 50 फीट तक गहरी खाई है।दर्दनाक हादसे
* 5 सितंबर 2023 को निजी बस पलटी, 23 यात्री घायल* 12 अप्रेल 2023 में रोडवेज बस दुर्घनाग्रस्त, 10 जने घायल हुए
* 23 अगस्त 2019 में एसिड से भरा टैंकर वेन पर पलटा, 9 लोगों की मौत
* 29 जून 2017 को बस पलटी, एक महिला की मौत, 24 घायल
* 7 अक्टूबर 2016 डंपर के ब्रेकफेल हुए, चालक फंसा
* 30 अक्टूबर 2015 को बस टकराई, 49 लोग घायल
* 28 मई 2015 रोडवेज पलटी, आधा दर्जन घायल
* 13 दिसम्बर 2014 ट्रैक्टर ट्रॉली पलटने से 7 लोगों की मौत
* 20 मार्च 2014 को कार पलटने से 8 यात्री घायल
* 28 मार्च 2013 को टैंकर पलटने से चालक की मौत