जिले में लापरवाही से गंदे नाले में तब्दील हुई पन्ना की गंगा कही जाने वाली किलकिला नदी, जाने क्या है धार्मिक मान्यता
जल गंगा संवर्धन अभियान में भी पन्ना के गंगा की उपेक्षा पन्ना. यह नाला नहीं पन्ना की गंगा कही जाने वाली किलकिला नदी का पवित्र स्थल अमराई घाट है। अतिक्रमण से नदी की कलकल करती जलधारा टूट गई है। प्राकृतिक जल स्त्रोतों को बचाने और सहेजने प्रदेश सरकार जल गंगा संवर्धन अभियान चला रही है। […]


जिले में लापरवाही से गंदे नाले में तब्दील हुई पन्ना की गंगा कही जाने वाली किलकिला नदी
जल गंगा संवर्धन अभियान में भी पन्ना के गंगा की उपेक्षा पन्ना. यह नाला नहीं पन्ना की गंगा कही जाने वाली किलकिला नदी का पवित्र स्थल अमराई घाट है। अतिक्रमण से नदी की कलकल करती जलधारा टूट गई है। प्राकृतिक जल स्त्रोतों को बचाने और सहेजने प्रदेश सरकार जल गंगा संवर्धन अभियान चला रही है। वहीं दम तोड़ती पन्ना की गंगा को बचाने तक के प्रयास नहीं किए जा रहे हैं।
नदी का उद्गम पन्ना जिले की बहेरा के निकट छापर टेक पहाड़ी से हुई है
किलकिला का उद्गम पन्ना जिले की बहेरा के निकट छापर टेक पहाड़ी पर है। पन्ना के सलैया और भापतपुर के बीच में केन नदी में मिल जाती है। पन्ना पहुंचने के पहले नदी की हालत कुछ ठीक है। पन्ना पहुंचने के बाद शहर के नालों के कारण यह दूषित हो जाती है। शहरभर के नाले और नालियों का गंदा पानी इसी में मिलता है। कभी इस नदी के जल को पवित्र मानकर लोग घरों में रख पूजा-अर्चना करते थे, अब इसके पानी का उपयोग तो दूर छूने से भी डरते हैं। मवेशी तक यहां का पानी नहीं पीते हैं।
यह है धार्मिक मान्यता
वरिष्ठ धर्म उपदेशक खेमराज शर्मा ने बताया, किलकिला नदी प्रणामी सम्प्रदाय के लिए गंगा की तरह पूज्य है । मान्यता है कि निजानन्द सम्प्रदाय के प्राणनाथ संवत 1684 में किलकिला नदी के अमराई घाट आए थे। प्राणनाथ ने अमराई घाट में स्नान करना चाहा तो स्थानीय आदिवासियों ने उन्हें रोक दिया था। आदिवासियों का कहना था, नदी का जल विषैला है, इसके ऊपर से गुजरने वाले पक्षियों की भी मौत हो जाती है, इससे दूर रहिए। पर प्राणनाथ के अंगूठे के स्पर्श मात्र से यह विषैला जल अमृत हो गया था। उक्त घटनाक्रम के बाद प्राणनाथ यही बस गए। वह स्थान अमराई घाट के नाम से जाना जाता है । यह निजानन्द सम्प्रदाय का पवित्र स्थल है ।
नाले-नालियों का पानी रोकने के लिए वाटर ट्रीटमेंट प्लांट प्रस्तावित
किलकिला नदी को प्रदूषण मुक्त करने की योजना बनाई है। गंदे नाले-नालियों का पानी रोकने के लिए वाटर ट्रीटमेंट प्लांट प्रस्तावित है। इसके लिए लगातार प्रयास भी किए जा रहे हैं। स्वीकृति मिलते ही इस दिशा में काम भी शुरु कर दिया जाएगा। -सुरेश कुमार, कलेक्टर पन्ना
नदी के लिए राशि स्वीकृत
किलकिला नदी को प्रदूषण मुक्त करने के हम लगातार प्रयास कर रहे हैं। मुख्यमंत्री से भी मांग की गई है। नदी के लिए कुछ राशि स्वीकृत हुई है। वाटर ट्रीटमेंट प्लांट भी प्रस्तावित है। जल्द ही काम शुरु होंगे।
बृजेंद्र प्रताप ङ्क्षसह विधायक पन्ना
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