विपक्ष के सवाल पर आयोग ने दिए ये जवाब
विपक्ष का कहना है कि एक महीने में सत्यापन कैसे संभव हो पाएगा? बिहार में इतने बड़े संख्या में वोटर हैं। चुनाव आयोग यह सब काम एक माह के अंदर कैसे कर लेगा। विपक्ष के सवाल पर चुनाव आयोग की ओर से भी क्रमवार जवाब दिया जा रहा है। इसी बीच प्रदेश से बाहर काम करने गए मतदाताओं का नाम वोटर लिस्ट में कैसे जुड़ेगा? इसपर अभी चुनाव आयोग का कोई जवाब नहीं आया है।
एक माह में कैसे पूरा होगा?
विपक्ष की ओर से एक माह में कैसे हो पायेगा सभी मतदाताओं का सत्यापन? इसपर चुनाव आयोग का कहना है कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के लिए 77 हजार 895 ब्लॉक लेवल ऑफिसर (BLO) को लगाया गया है। इसके साथ ही 20 हजार 603 अतिरिक्त BLO को प्रतिनियुक्त करने की प्रक्रिया चल रही है। इसके बाद मतदाताओं तक पहुंचना आसान हो जायेगा। इसके साथ ही 1 अगस्त को ड्राफ्ट रोल के पब्लिश होने के बाद 1 सितम्बर तक आपत्तियां दर्ज करने का समय दिया गया है।
विपक्ष ने कहा ये वोट बंदी है
विपक्ष का कहना है कि देश में नोट बंदी, देश बंदी (लॉकडाउन) के बाद वोट बंदी करने का प्रयास किया जा रहा है। वोट बंदी के सवाल पर चुनाव आयोग का कहना है कि यह पुनरीक्षण जरूरी है। क्योंकि मतदाता सूची एक जीवंत (डायनामिक) दस्तावेज़ है। ये मृत्यु, स्थानांतरण (रोजगार, शिक्षा, विवाह आदि कारणों से) तथा 18 वर्ष की आयु पूरी होने पर लगातार बदलती रहती है।
मतदाताओं को वोटर लिस्ट से बाहर करने की तैयारी
विपक्ष का कहना है कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के कारण करीब 2 करोड़ मतदाता वोटर लिस्ट से बाहर हो जायेंगे। इसपर चुनाव आयोग का कहना है कि यह रिवीजन वैध मतदाताओं की पहचान करने के लिए है। चुनाव आयोग का ऐसा करने का उदेश्य कोई भी वोटर छूटे नहीं। लेकिन जो वैध मतदाता नहीं है उनको वोटर लिस्ट से नाम बाहर कर नए को जोड़ना है। ताकि संविधान के अनुच्छेद 326 के अनुसार, केवल भारतीय नागरिक मतदाता बने जिनकी आयु 18 वर्ष से अधिक हो और संबंधित निर्वाचन क्षेत्र में सामान्य रूप से निवास करते हों।