क्या था मामला
कुढ़नी दुष्कर्म कांड की मृत पीड़ित बच्ची की मां ने कोर्ट में कहा कि मेरी बेटी मरने से पहले रोहित की हैवानियत की दास्तान बताकर रो रही थी। कोर्ट को उसने पूरी घटना के संबंध में बताया कि यह घटना 26 मई को उसकी तबीयत खराब थी। इसलिए घर में ही सो रही थी। उसकी बच्ची भी घर के दरवाजे पर ही खेल रही थी। लगभग 3.30 बजे के आस पास जब मेरी नींद खुली तो देखा कि मेरी बच्ची नहीं दिख रही है। मैं परेशान हो गई और आस पास के लोगों से पूछा। पड़ोसी दुकानदार से पूछी तो पता चला कि रोहित के साथ उसकी बच्ची थी।
बिस्कुट व कुरकुरे दिलाया था
रोहित ने मेरी बच्ची को उसके ही दुकान से बिस्कुट व कुरकुरे खरीद कर दिया था। गांव के दो- चार अन्य लोगों ने भी ये बात बताया। इसके बाद मैं ग्रामीणों के साथ रोहित के घर पर गई। वह बहुत घबराया हुआ था। वो कुछ नहीं बता रहा था। इसी बीच किसी ने पुलिस को सूचना दे दी। पुलिस भी पहुंच गई। पुलिस ने भी खोजबीन किया और बच्ची को जख्मी अवस्था में गांव के पोखर के पास से बरामद किया। इसके बाद हम लोग उसे पास के पीएचसी में भर्ती कराया। वहां से बेहतर इलाज के लिए एसकेएमसीएच रेफर कर दिया गया।
कोर्ट में पीड़िता की मां ने बताया हैवानियत की कहानी
एसकेएमसीएच में उसे 28 मई को होश आया था। बच्ची ने गांव के ही एक युवक के मोबाइल में रोहित के फोटो की पहचान कर इशारे में ही रोहित की हैवानियत कहानी बताते हुए कहा कि उसने ही ब्लेड से तीन बार गला रेता व दो बार सीना चीरा। उसने इशारे में दुष्कर्म की बात भी बताई। 31 मई को एसकेएमसीएच से उसे पटना रेफर कर दिया गया। जहां वह घंटों बच्ची के साथ एंबुलेंस में रही। एक जून को पीएमसीएच में बच्ची की मौत हो गई।