डॉ. एस सिद्धार्थ ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र जारी कर उन्हें निर्देश दिया है कि जब जिलों में ही स्थानांतरित शिक्षकों की स्थापना संबंधित समस्याओं के समाधान की व्यवस्था है, तब शिक्षकों का सीधे राज्य मुख्यालय की परिक्रमा क्यों कर रहे हैं। उनके ऐसा करने से विभाग का कामकाज प्रभावित हो रहा है। शिक्षक ऐसा नहीं करें।
सचिवालय की परिक्रमा नहीं करें शिक्षक
डॉ. सिद्धार्थ ने जिलाधिकारियों को लिखे अपने पत्र में कहा है कि शिक्षा विभाग का स्थापना बल दस लाख है। अगर इस बल का आंशिक प्रतिशत भी अपनी समस्याओं को लेकर राज्य मुख्यालय आता है तो यह संख्या बहुत बड़ी हो जाती है। इससे शिक्षकों को तो समस्या हो ही रही है, साथ ही विभागीय कार्यों के संचालन में भी समस्याएं आ रही हैं। अपनी स्थानांतरण संबंधी समस्याओं को लेकर शिक्षक राज्य मुख्यालय में कार्यरत पदाधिकारियों से संपर्क स्थापित करने की कोशिश करते हैं। जिससे विभागीय कामकाज में दिक्कतें पैदा होती हैं।
जिला स्थापना समिति करेगी कार्रवाई
उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि जिलों के अंदर स्थापना संबंधी समस्याओं को जिलास्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित जिला स्थापना समिति द्वारा केस टू केस विचार कर यथोचित कार्रवाई की जाती है। अत्यंत ही विशेष स्थिति में अंतर जिला मामले ही राज्य स्तर पर विचाराधीन होते हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि शिक्षकों की जो भी शिकायतें हैं, उन्हे ऑनलाइन माध्यम से ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर ही दर्ज किया जाए। इन सभी शिकायतों का नियमित अनुश्रवन राज्य स्तर पर जिलावार नामित नोडल पदाधिकारी द्वारा किया जा रहा है।
समाधान के स्ट्रक्चर्ड वेबसाइट का करें उपयोग
डॉ. सिद्धार्थ ने जिलाधिकारियों को लिखे अपने पत्र में कहा है कि इसके लिए शिक्षा विभाग में पूर्व से ही एक सुगम व्यवस्था कायम है। शिक्षकों की समस्याओं के निष्पादन के लिए स्ट्रक्चर्ड वेबसाइट स्थापित किया गया है। इसके अंतर्गत ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर शिक्षकों को अपनी शिकायत दर्ज करने का विकल्प दिया गया है। जो भी शिक्षक राज्य सरकार के अधीन कार्यरत हैं, वे अपनी लॉगइन के माध्यम से अपनी शिकायत इस पोर्टल पर दर्ज कर सकते हैं।
शिकायतों का निष्पादन डीईओ करेंगे
शिक्षकों की सभी शिकायतें जिला शिक्षा पदाधिकारी, निदेशक, प्राथमिक शिक्षा, निदेशक माध्यमिक शिक्षा, निदेशक मध्याह्न भोजन योजना और अपर मुख्य सचिव शिक्षा विभाग एक साथ देख रहे हैं। इस व्यवस्था में जिला शिक्षा पदाधिकारी को यह दायित्व सौंपा गया है कि वह शिकायतों का निष्पादन कर अनुपालन प्रतिवेदन इसी ई-शिक्षा कोष पर अपलोड करें। ताकि अपर मुख्य सचिव के जन शिकायत कोषांग द्वारा समय-समय पर अनुपालन की समीक्षा कर सकें।