डीजीपी ने बताया क्यों हुई हत्या
डीजीपी ने कहा कि हत्या के सटीक कारण की तफ्तीश अभी जारी है। जल्द ही इसके कारणों का भी खुलासा हो जाएगा। लेकिन, अभी तक जांच में जो तथ्य सामने आया है उसके अनुसार पूरे प्रकरण के पीछे आपराधिक मंशा है। इसमें जमीन विवाद, पुरानी रंजिश, बेटे गुंजन खेमका की कुछ वर्ष पहले हुई हत्या हो सकता है। पुलिस इन सभी मुद्दे पर जांच कर रही है। परंतु इसके इतर भी कई कारण हो सकते हैं, जो गहन तफ्तीश पूरी होने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगी।
विकास ही था लाइनर
डीजीपी ने कहा कि इसके जांच की जिम्मेदारी पटना एसएसपी के जिम्मे थी। डीजीपी ने कहा कि पुलिस के पास जो इनपुट है उसके अनुसार पूरे प्रकरण में प्रमुख लाइनर की भूमिका निभाने वाला राजा उर्फ विकास था। विकास पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। उसके ऊपर हत्या, लूट समेत करीब दर्जनभर मामले दर्ज थे। उन्होंने कहा कि अशोक साव का नाम संतोष टेकरीवाल, मनोज कंवलिया समेत कुछ अन्य हत्याकांड में भी जुड़ चुका है। इससे जुड़े तथ्य की भी जांच हो रही है।
हत्यारा और मास्टरमाइंड गिरफ्तार
एडीजी (मुख्यालय सह एसटीएफ) कुंदन कृष्णन ने बताया कि दोनों आरोपियों उमेश यादव और अशोक साहू के घर सघन छापेमारी के दौरान पैसे, गोली, जमीन के दर्जनों कागजात समेत अन्य कई संवेदनशील दस्तावेज बरामद हुए हैं। जिनकी जांच जारी है। जमीन के अवैध तरीके से लेनदेन के इस पूरे मालमे में दूसरे कई लोगों के नाम भी सामने आ सकते हैं। फिलहाल सभी पहलूओं पर जांच जारी है।
जमीन को लेकर अशोक से हुई थी बकझक
जमीन को लेकर गोपाल खेमका और अशोक साव के बीच जमीन के प्लॉट को लेकर फोन पर जमकर बकझक हुई थी। इसका ऑडियो रिकॉर्ड भी अशोक साव के फोन से मिला है। उन्होंने कहा कि इस तरह के कई रिकॉर्ड पुलिस को मिले हैं, जिसके आधार पर जांच चल रही है। इससे यह पता चलेगा कि कौन-कौन लोग जमीन के काले कारोबार में शामिल हैं।
चार लाख की दी गई थी सुपारी
एडीजी कृष्णन ने बताया कि उमेश यादव के घर छापेमारी में 3 लाख 65 हजार रुपये मिले हैं, जो उसे अशोक साहू ने गोपाल खेमका की हत्या के लिए सुपारी के तौर पर दी थी। पूरा मामला 4 लाख रुपये में तय हुआ था, जिसमें 50 हजार रुपये पहले और शेष राशि हत्या के अगले दिन 5 जुलाई की पटना सिटी के मालसलामी थाना क्षेत्र में सुबह 8 बजे जेपी गंगा पथ पर पेमेंट की गई थी। इसके अलावा उमेश यादव के ठिकाने से 59 कारतूस, मोबाइल समेत अन्य कई दस्तावेज बरामद हुए हैं।
कुछ अन्य लोग रडार पर
वहीं, अशोक साव के घर से छापेमारी के दौरान जमीन के दर्जनों दस्तावेज, 6 लाख 50 हजार रुपये कैश समेत अन्य चीजें बरामद हुए हैं। इस मौके पर पटना आईजी जितेंद्र राणा ने कहा कि बांकीपुर क्लब के सीसीटीवी फूटेज में कोई रिकॉर्डिंग नहीं होती है, यह चिंताजनक स्थिति है। इस मामले की जांच की जा रही है। इस मामले में कुछ अन्य लोग रडार पर हैं, जिनकी जांच चल रही है। इस दौरान पटना एसएसपी कार्तिकेय शर्मा, एसपी (मध्य) दीक्षा समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।