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पटना

Bihar Politics: ‘जमाई आयोग’ पर बिहार में मचा सियासी घमासान, नेताओं के परिवारों को पद बांटकर घिरी सरकार

Bihar politics बिहार में पदों के बंटवारें पर सियासी घमासान मच गया है। सरकार की ओर से आयोगों में सत्ता पक्ष के कई नेताओं के बेटा,बेटी दामादों की नियुक्ति तेजस्वी यादव ने तंज कसते हुए कहा कि बिहार में ‘जमाई आयोग’ का गठन कर देना चाहिए।

पटनाJun 17, 2025 / 03:09 pm

Rajesh Kumar ojha

तेजस्वी यादव

तेजस्वी यादव

Bihar politics बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले मंत्रियों और नेताओं के रिश्तेदारों के बीच पदों के बंटवारे पर सियासी पारा बढ़ गया है। जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा की बेटियों को सुप्रीम कोर्ट में सरकार का वकील बनाने, पूर्व IAS और सीएम के प्रधान सचिव दीपक कुमार की पत्नी को महिला आयोग का सदस्य बनाने और बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी के दामाद सायन कुणाल को बिहार धार्मिक न्यास पर्षद का सदस्य बनाने पर राजद ने सरकार को निशाने पर लिया है। तेजस्वी यादव ने आयोग में नेताओं के रिश्तेदारों के बीच पदों के बंटवारे पर पर तंज कसते हुए कहा कि सरकार को एक ‘जमाई आयोग’ भी बना देना चाहिए। वहीं जदयू की ओर से मंत्री अशोक चौधरी पूरे मामले पर सफाई देते हुए राजद के आरोप को बेबुनियाद बताया। तेजस्वी यादव पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि आरजेडी के शासन काल के मामा आयोग की तर्ज पर एनडीए सरकार में पदों का बंटवारा नहीं होता है. काम के आधार पर लोगों को जिम्मेवारी दी जाती है।

जीजा और दामाद के बीच बंटा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का पद

बिहार में अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पदों के वितरण पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर तंज कसते हुए कहा था कि सरकार को बिहार में एक जमाई आयोग का गठन कर देना चाहिए। नीतीश सरकार ने कुछ दिन पहले ही जीतनराम मांझी के दामाद को अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के जीजा को आयोग का अध्यक्ष बनाया था। इसके बाद से शुरू हुआ विवाद अब और बढ़ गया है। कांग्रेस नेता असित नाथ तिवारी ने इस मुद्दे पर कहा कि भाजपा और जदयू की सरकार ने संविधान को थोथी पोथी और लोकतंत्र को बपौती समझ लिया है। बहनोई दामाद, फूफा, मौसी, बेटा-बेटी, अयोगों के सिर पर सवार हो रहे हैं। आरएसएस, सरकार को आदेशित कर रहा है और आरएसएस के आदेश पर आयोग में लोग भरे जा रहे हैं। आरएसएस के आदेश पर बाबा साहब के संविधान का रोजाना अपमान हो रहा है।

जदयू नेता की बेटियां बनी केंद्र सरकार की वकील

संजय झा की बेटियों का सुप्रीम कोर्ट में वकालत करने का मामला पुराना है लेकिन आरजेडी इस पूरे मामले को लेकर हमलावर हो गई है। वर्ष 2024 में जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा की दोनों बेटियों के सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार की वकील बनाए जाने को विपक्ष ने दलित, पिछड़ों और अति पिछड़ों की हकमारी बताया है। जदयू नेता और बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने पूरे मामले को बकवास करार देते हुए कहा कि केंद्र सरकार का पक्ष रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट में सौ से अधिक वकील होते हैं उसमें से संजय झा की दोनों बेटियां भी शामिल हैं। यह कोई बड़ा मामला नहीं है।

नीतीश के प्रधान सचिव की पत्नी बनी महिला आयोग की सदस्य

तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार की पत्नी रश्मि रेखा सिन्हा को महिला आयोग का सदस्य बनाने का भी विरोध किया है। जिसका बचाव करते हुए मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि रश्मि सिन्हा डबल एमए हैं। कार्पोरेट जगत में काम कर चुकी हैं और प्रोफेसर भी रही हैं। इस कारण उनको महिला आयोग का सदस्य बनाया गया है। इधर, आरजेडी लगातार इस प्रकार का मुद्दा खड़ा कर बीजेपी और जदयू पर परिवारवाद आरोप लगा रही है।

महाचंद्र प्रसाद की बेटी बनी सिंडिकेट मेंबर

बीजेपी नेता और सवर्ण आयोग के अध्यक्ष डॉ महाचंद्र प्रसाद सिंह की बेटी सीमा शर्मा को बिहार यूनिवर्सिटी के सिंडिकेट का मेंबर बनाया गया है। सीमा शर्मा दिल्ली में किसी कॉलेज में पढ़ाती हैं। लेकिन, उन्हें पटना में महाचंद्र प्रसाद सिंह के घर का निवासी बता कर यह पद दिया गया है। सीमा शर्मा को राज्यपाल के प्रतिनिधि के तौर पर बिहार यूनिवर्सिटी के सिंडिकेट का सदस्य बनाया गया है।

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