कैसा रहा है स्वामी प्रवक्ता नंद का राजनीतिक सफर?
स्वामी प्रवक्ता नंद मूल रूप से उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले के रतनपुरी गांव के निवासी हैं। उन्होंने 2012 में भाजपा के टिकट पर अपना पहला विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन सपा के प्रत्याशी हेमराज वर्मा से लगभग 32,000 वोटों के अंतर से हार गए। 2017 में स्वामी प्रवक्ता नंद ने बरखेड़ा विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट के लिए दावेदारी की, लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया। इसके बाद वे राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) में शामिल हो गए। आरएलडी के टिकट पर उन्होंने बरखेड़ा से चुनाव लड़ा, लेकिन इस चुनाव में भी उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा। चुनाव में हार के बाद स्वामी प्रवक्ता नंद कुछ समय तक अज्ञातवास में रहे। इसके बाद उन्होंने दोबारा भाजपा में वापसी की और भाजपा के टिकट पर जिला पंचायत सदस्य बने। जिला पंचायत अध्यक्ष बनने के लिए उन्होंने समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया। भाजपा के पदाधिकारी ने जब उन्हें समझाया तो वे दोबारा भाजपा में आ गए।
2022 में बीजेपी ने दिया विधानसभा का टिकट
भाजपा में वापसी के बाद स्वामी प्रवक्ता नंद ने भाजपा प्रत्याशी दलजीत कौर को निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष बनने में मदद की। साल 2022 में उन्हें भाजपा के टिकट पर बरखेड़ा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का मौका मिला। इस चुनाव में स्वामी प्रवक्ता नंद ने 1,51,498 वोट हासिल किए, जबकि सपा के हेमराज वर्मा को 70,299 वोट ही मिले। स्वामी प्रवक्ता नंद ने मंडल में सबसे बड़ी जीत दर्ज की।