SSP बोले…काफी हद तक AI से मिल रही है मदद
SSP राजेश द्विवेदी का कहना है कि पहली बार पुलिस खोए हुए लोगों का पता लगाने के लिए चेहरे की पहचान और AI का उपयोग कर रही है। SSP का कहना है कि भले ही ये तकनीक पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है, लेकिन कुछ हद तक सही जा रहा है। उनका कहना है कि AI संचालित तकनीक बेहतर परिणाम दे सकती है।
गायब लोगों की बन रही हैं डिजिटल छवियां
SSP ने बताया कि अधिक रोशनी वाली जगहों पर तो AI अच्छे से काम करता ही है, लेकिन महाकुंभ की भीड़ तो जन ज्वार होती है ,इसलिए जब कोई किसी खोया पाया काउंटर पर अपने किसी गुमशुदा की रिपोर्ट करता है तो लापता व्यक्तियों की डिजिटल छवियां बनाने के लिए AI टूल का प्रयोग किया जाएगा।इस AI टूल का इस्तमाल हर कैमरो के माध्यम से किया जाएगा।महाकुंभ में उपयोग की जा रही तकनीकों में RFID रिस्टबैंड और लोगों के लिए लाइव लोकेशन साझा करने के लिए एक मोबाइल एप भी शामिल है।भीड़ के जमा होने और अचानक भीड़ बढ़ने पर अधिकारियों को रियल टाइम सूचनाएं भेजकर भगदड़ को रोकने में मदद करने के लिए लगाए गए हैं कैमरे।