दरअसल, जिला अस्पताल परिसर में स्थित ब्लड बैंक के स्टोर रूम में बुधवार की सुबह करीब 9.30 बजे अचानक धुंआ निकलना शुरू हुआ। इसकी जानकारी मिलते ही वहां मौजूद कर्मचारियों ने तत्काल बिजली विभाग को सूचना दी और लाइन कट किया गया, लेकिन जब तक लाइट बंद हुआ, तब तक इनवर्टर की बैटरी में आग पकड़ चुकी थी।
वहां मौजूद लोग जब तक कुछ समझ पाते कि तब तक बैटरी ब्लास्ट होना शुरू हो गया। ब्लड बैंक के स्टोर रूम में 16 बैटरी रखी थी जो एक-एक कर ब्लास्ट हुई। इससे आग पूरे कमरे में फैल गई और दीवार सहित फॉलसिलिंग में आग लग गई।
ब्लड बैंक के कर्मचारियों ने अस्पताल प्रबंधन को सूचना देते हुए पुलिस व फायर ब्रिगेड को इसकी सूचना दी। आगजनी की सूचना मिलते ही दमकल वाहन कुछ ही देर में मौके पर पहुंची। दकमल कर्मचारियों ने करीब घंटे भर की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक वहां लगे बिजली केबल व कमरे में रखे अन्य सामान पूरी तरह से जलकर नष्ट हो गए थे।
मची अफरा-तफरी
बुधवार की सुबह अचानक अस्पताल में आग लगने की सूचना मिलते ही ब्लड जांच के लिए पहुंचे मरीज व परिजनों में हड़कंप मच गया। लोग इधर-उधर भागने लगे थे। कुछ ही देर में अस्पताल के आसपास रखने वाले लोग व मरीज के परिजनों की भीड़ मौके पर एकत्रित हो गई थी। इस बीच अस्पताल के स्टाफ ने इसकी सूचना दमकल शाखा को दी।
बैटरी में फाल्ट की बात आ रही सामने
इस संबंध में अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि बैटरी पुरानी होने के कारण उसमें कुछ फाल्ट आ गया था। इससे अचनाक शार्ट-सर्किट शुरू हुई और आग लग गई। इस आगजनी से कमरे में रखे बैटरी, इनवर्टर व अन्य सामान के साथ कमरे के फॉलसिलिंग भी जल गया है। ब्लड बैंक दूसरी जगह शिट
अस्पताल में ब्लड बैंक की सेवा अनिवार्य सेवा के रूप में संचालित है। ऐसे में
आगजनी पर काबू पाए जाने के बाद ब्लड बैंक में रखे ब्लड को तत्काल निकालकर केजुअल्टी के फ्रीजर में शिट किया, ताकि उसको नुकसान न हो। साथ ही लैब में भी रखी मशीनों को आनन-फानन में उठाकर न्यू ओपीडी के एक कमरे में शिफ्ट कर काम शुरू किया गया है। इस आगजनी से फिलहाल अस्पताल का काम प्रभावित नहीं हुआ है।
बैटरी में खराबी आने के कारण आगजनी हुई। करीब चार से पांच लाख रुपए का नुकसान हुआ है। लैब व ब्लड बैंक को दूसरी जगह शिफ्ट कर काम चालू किया गया है। – डॉ. दिनेश पटेल, सिविल सर्जन, केजीएच