CG News: मजबूर करते हुए पालकों की जेब ढिली की जा रही
किसी भी सीबीएससी स्कूल में देखा जाए तो बोर्ड कक्षा 10 वीं व 12 वीं में बोर्ड के नियमों के अनुसार
एनसीआरटी की किताबों की लिस्ट पकड़ाई जा रही है जिसके कारण यह किताबें एक हजार से 15 सौ रुपए तक आ जा रही है, लेकिन उसी स्कूल के 1 ली से लेकर 7 वीं तक की कक्षाओं में पालकों को दिए गए किताबों की सूची लेकर दुकान जाने पर 6-7 हजार रुपए तक की किताब आ रही है। कुलमिलाकर देखा जाए तो महंगे प्रकाशकों की किताब लेने के लिए मजबूर करते हुए पालकों की जेब ढिली की जा रही है।
जानकर भी अनजान रहते हैं अधिकारी
शैक्षणिक सामग्री के नाम पर लूट के इस खेल की जानकारी विभाग के अधिकारियों को पूरी रहती है इसके बाद भी विभाग के अधिकारी अनजान बने रहते हैं और शिकायत नहीं मिलने का हवाला देकर कार्रवाई करने से बचते हुए नजर आ रहे हैं। पिछले वर्ष भी शैक्षणिक सामग्री के नाम पर लूट के खेल को लेकर विभाग व प्रशासन की खुब खिंचाई सोशल मीडिया पर हुई थी, इस बार भी कुछ दिनों पूर्व ही सोशल मीडिया फेसबूक में किए गए पोस्ट में ढेरों कमेंट देखने को मिला था जिसमें विभाग के कार्यप्रणाली पर सवाल उठाई गई थी। इसके बाद भी नहीं की गई जांच
CG News: इस बार 5वीं व 8 वीं कक्षा को बोर्ड की तर्ज पर एकीकृत परीक्षा में शामिल किया गया है , इस एकीकृत परीक्षा में जिले के कई स्कूल सिर्फ इस नाम से शामिल नहीं हुए क्योंकि उक्त स्कूलों में एनसीआरटी की किताब नहीं महंगे प्रकाशकों की किताब से पढ़ाई कराई गई थी। इसके बाद भी नए सत्र में इस बिंदु को लेकर विभाग ने किसी प्रकार का जांच करना उचित नहीं समझा।
प्रायवेट स्कूलों में शिक्षण सामग्री के नाम पर चल रहे लूट के खेल को इस बार भी शिक्षा विभाग रोकने में नाकाम साबित हो रहा है। जिसके कारण
बोर्ड कक्षाओं की किताबों से ज्यादा महंगी छोटे कक्षाओं की किताबें पड़ रही है। इसके पीछे प्रमुख कारण महंगे प्रकाशकों की किताब लेने के लिए पालकों का बाध्य होना है।
व्हीके वैंकट राव, डीईओ रायगढ़: अभी तक ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली है, अगर ऐसा है तो मै चेक कराता हूं, ऐसा करते पाए जाने पर संबंधित स्कूलों पर कार्रवाई की जाएगी।