साथ ही दूसरी तरफ
यात्रियों के सेहत से भी खिलवाड़ा किया जा रहा है। ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों को खाना उपलब्ध कराने के लिए आईआरसीटीसी द्वारा चिन्हित स्टेशनों में खाना चढ़ाने के लिए लाइसेंस जारी किया जाता है।
CG Railway Station: भोजन की क्वालिटी तक की जांच नहीं
इसके एवज में जहां खाना तैयार होता है, वहां की साफ-सफाई से लेकर भोजन की क्वालिटी तक की जांच की जाती है, ताकि सफर के दौरान भोजन का सेवन करने वाले यात्रियों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पडे़, लेकिन विगत लंबे समय से रायगढ़ स्टेशन में खाना चढ़ाने का किसी भी संचालक के पास लाइसेंस नहीं है, फिर भी हर दिन 300 से 400 थाली भोजन ट्रेनों में चढ़ा रहे हैं।
इसकी जानकारी स्थानीय अधिकारियों को भी है। इसके बाद भी इन पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हो रही है। वहीं बताया जा रहा है कि करीब एक साल पहले मन्ना किचन को आईआरसीटीसी द्वारा
लाइसेंस जारी किया गया था, लेकिन अब लाइसेंस करीब छह माह से खत्म हो गया है। इसके बाद भी यहां से भोजन हर दिन चढ़ रहा है।
मिल रहा संरक्षण
रेलवे स्टेशन में खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता जांच के लिए अधिकारी भी है, लेकिन इसके बाद भी न तो इनकी कीचन की जांच हो रही है और न ही भोजन की। इससे जहां रेलवे के राजस्व का नुकसान पहुंचा रहे हैं तो वहीं यात्रियों के सेहत से भी खिलवाड़ कर रहे हैं।
रेलवे के कीचन में लटका है ताला
ट्रेनोें में भोजन सप्लाई के लिए आईआरसीटीसी द्वारा चिन्हित स्टेशनों को ही परमिशन दी जाती है। ऐसे में रायगढ़ स्टेशन में भी वेस्ट कीचन विगत छह माह से तैयार हो चुका है, लेकिन अभी तक इसकी शुरूआत नहीं हो सकी है। जिसका बेजा फायदा स्थानीय संचालक उठा रहे। सीनियर डीसीएम अनुराग सिंह ने कहा की बगैर
परमिशन का अगर ट्रेनों में खाना चढ़ रहा है तो यह गलत है। इसकी तत्काल जांच कराता हूं।