नवतपा रविवार को दोपहर 3 बजकर 15 मिनट से शुरू हो गई और अगले दो जून तक चलेगा। पंचांग के अनुसार सूर्यदेव रोहिणी में प्रवेश कर गए हैं, जिसके चलते अब अगले 9 दिनों तक सूर्य की किरणे सीधे धरती पर पडे़गी, जिसके चलते इन नौ दिनों में गर्मी काफी तेज रहती है।
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, चंद्र रोहिणी नक्षत्र के स्वामी हैं और शीतलता के कारक ग्रह हैं। ऐसे में रोहिणी नक्षत्र में सूर्य के प्रवेश से वातावरन पर विशेष प्रभाव पड़ता है। इस दौरान पृथ्वी को पूर्ण रूप से शीतलता नहीं मिलती है और तापमान में सर्वाधिक बढोतरी हो जाती है। लेकिन इस साल प्री-मानसून एक्टिव होने के कारण फिलहाल गर्मी का अहसास बहुत कम हो रहा है।
साथ ही विगत सप्ताहभर से आसमान में बादल छाया हुआ है, जिससे कभी हल्की धूप तो कभी बुदाबांदी हो रही, जिसके चलते तापमान में कुछ खास वृद्धि नहीं हो रही है, लेकिन बादल के चलते मौसम में उमस भरा हुआ है, जिससे लोग उमस से परेशान हो रहे हैं।
मानसून जल्द आने की संभावना
इस बार बंगाल की खाड़ी में द्रोणिका बनने के कारण मौसम में लगातार उतार-चढ़ाव हो रहा है। जिसके चलते विगत सप्ताहभर से आसमान में बादलों का डेरा लगा हुआ है। साथ ही इस बार केरल में मानसून जल्दी पहुंच गया है, जिसके चलते अब प्रदेश में भी प्री-मानसून की हल्की बौछारे होने लगी है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस बार
छत्तीसगढ़ में भी मानसून जल्दी आ जाएगी, जिसको देखते हुए अब किसान भी खरीफ फसल की खेती के लिए तैयारी शुरू कर दिए हैं। वहीं किसानों का कहना है कि अभी से खाद-बीज की खरीदी कर रहे हैं, ताकि जैसे ही अच्छी बारिश शुरू होगी तो वह धान की बुआई शुरु कर देंगे।
क्या कहता है मौसम विभाग
मौसम विभाग की माने तो दक्षिण पश्चिम
मानसून को आगे बढ़ने के लिए अनुकूल परिस्थितियां बन रही है। अगले तीन दिनों में मध्य अरब सागर के कुछ और भाग, महाराष्ट्र के कुछ और भाग, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश व तमिलनाडु के बचे हुए भाग, पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी और उससे लगे उत्तर बंगाल की खाड़ी के कुछ और भाग तथा उत्तर पूर्व राज्य के कुछ और हिस्सों में पहुंचने की संभावना है।
साथ ही एक चिन्हित कम दबाव का क्षेत्र दक्षिण मध्य महाराष्ट्र और उससे लगे मराठवाड़ा तथा उत्तर अंदरुनी कर्नाटक के ऊपर स्थित है। इसके धीरे-धीरे पूर्व की ओर अगले 24 घंटे तक आगे बढ़ते हुए कमजोर होने की बात कही जा रही है। साथ ही एक ऊपरी हवा का द्रोणिका पूर्व मध्य अरब सागर से उत्तर उड़ीसा तक मध्य महाराष्ट्र उत्तर तेलंगाना दक्षिण छत्तीसगढ़ होते हुए 1.5 किलोमीटर से 4.6 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है। जिसके चलते सोमवार को जिले के कुछ जगहों पर हल्की से मध्यम वर्षा तथा गरज चमक के साथ छींटे पड़ सकती है।