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आखिरकार सील हुआ अनंत हॉस्पिटल, प्रशासन और मेडिकल टीम की कार्रवाई नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने निजी मेडिकल कॉलेजों में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए सख्त कदम उठाना शुरू कर दिया है। इसके तहत कड़े नियम बनाए गए हैं। देश के कुछ कॉलेजों में ऐसी शिकायतें आती रही हैं कि बिना क्वालिफाइड छात्र को प्रवेश दे दिया गया। छत्तीसगढ़ में ऐसा एक भी मामला सामने नहीं आया है। जुर्माना एक करोड़ या संपूर्ण फीस से दोगुनी राशि होगी।
वहीं, दूसरी बार दो करोड़ अथवा संपूर्ण फीस की दोगुनी राशि वसूल की जाएगी। सामान्यत: सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन में खेल कम होता है। नीट यूजी का रिजल्ट 14 जून को आ गया है। अब
काउंसलिंग की तैयारी शुरू हो गई है। काउंसलिंग से जुड़े अधिकारियों के अनुसार, अगस्त से काउंसलिंग शुरू होने की संभावना है, तब तक मेडिकल कॉलेजों को मान्यता देने का काम पूरा कर लिया जाएगा।
2013 में दुर्ग में सीधे एडमिशन, डूब गया कॉलेज दुर्ग स्थित चंदूलाल चंद्राकर निजी मेडिकल कॉलेज ने 2013 में 86 छात्रों को नीट क्वालिफाइड किए बिना सीधे एडमिशन दे दिया था। इनमें मैनेजमेंट कोटे की 64 व एनआरआई कोटे की 22 सीटें शामिल थीं। डीएमई कार्यालय ने एडमिशन रद्द करने को कहा था, लेकिन प्रबंधन नहीं माना। छात्रों ने डीएमई के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सारी दलीलों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 86 छात्रों के एडमिशन को रद्द कर दिया था। इसके बाद छात्रों ने कॉलेज से फीस की मांग की। अब तक कई छात्रों की फीस लौटाई नहीं गई है। इस विवाद के बीच कॉलेज ही डूब गया। 2022 में राज्य सरकार ने इसे अधिग्रहण कर सरकारी कॉलेज का दर्जा दिया है। कॉलेज में एमबीबीएस की 200 सीटें हैं। जब कॉलेज निजी था, तब वहां 150 सीटें थीं।
प्रदेश में 2130 सीटों के लिए 22261 छात्र क्वालिफाइड प्रदेश के 10 सरकारी व 5 निजी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 2130 सीटें हैं। इस बार सिम्स की 30 सीटें वापस मिल सकती हैं। दरअसल, पिछले साल जरूरी फैकल्टी व सुविधाओं की कमी के कारण एनएमसी ने 180 में 30 सीटें घटा दी थीं। इस साल प्रदेश से 22261 छात्र क्वालिफाइड हुए हैं। जबकि 45226 छात्रों ने नीट के लिए पंजीयन कराया था। इसमें 43718 छात्र नीट में शामिल हुए थे। इस बार नीट का पेपर काफी कठिन था इसलिए कट ऑफ पिछले साल की तरह ज्यादा हाई नहीं गया है। प्रदेश के 50.91 फीसदी यानी आधे छात्र एमबीबीएस व बीडीएस की काउंसलिंग में शामिल होने के लिए पात्र हैं।
बिना नीट क्वालिफाइड कोई भी सरकारी या निजी कॉलेज एमबीबीएस कोर्स में एडमिशन नहीं दे सकता। अगर कोई सीधे एडमिशन का झांसा देता है तो अलर्ट रहें। ये ऐसा नहीं कर सकते। चिकित्सा शिक्षा संचालनालय काउंसलिंग के माध्यम से व मेरिट के अनुसार सीटों का आवंटन करता है। इसलिए ये न सोचें कि कोई गलत एडमिशन हो सकता है।
- डॉ. देवेंद्र नायक, चेयरमैन, श्री बालाजी मेडिकल कॉलेज