इसमें कई ऐसे मामले है, जिसमें कांग्रेस प्रत्याशी ने खुद अपने नाम वापस लिए हैं। अब कांग्रेस ऐसे धोखेबाज प्रत्याशियों की खोज खबर लेगी। साथ ही बागी प्रत्याशी और पार्टी विरोध में काम करने वाले कार्यकर्ताओं पर भी नजर रखी जा रही है। कांग्रेस संगठन ने सभी जिलों से जानकारी मंगाई है।
CG Election 2025: संगठन ने सभी जिलों से मांगी जानकारी
बताया जाता है कि जिलों से जानकारी मिलने के बाद पार्टी से धोखा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पार्टी से छह साल के लिए बाहर भी किया जा सकता है। बता दें कि विधानसभा चुनाव में भी कई नेताओं ने पार्टी के साथ दगाबाजी की थी। विधानसभा चुनाव में हार मिलने के बाद तो कुछ नेताओं ने मुखर होकर कांग्रेस की आलोचना की थी।
हालांकि इसमें से कुछ विशेष नेताओं को कांग्रेस ने एक तरह से माफी देकर
नगरीय निकाय चुनाव में टिकट का तोहफा भी दे दिया है। बागी प्रत्याशी को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर का कहना कि पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ने वालों की सूची मंगाई जा रही है। जिला से जानकारी मिलने के बाद इसे अनुशासन समिति के सामने रखा जाएगा। इसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
कहीं प्रत्याशी नहीं, कहीं नाम लिया वापस
ऐसा पहली बार हो रहा है कि चुनाव से पहले
कांग्रेस को नगर पंचायत बसना में हार का सामना करना पड़ा है। यहां कांग्रेस प्रत्याशी ने अपना नाम वापस ले लिया। इसके बाद अध्यक्ष पद का निर्विरोध निर्वाचन हुआ। वहीं, धमतरी में कांग्रेस के महापौर प्रत्याशी का नामांकन खारिज हो गया था। यहां कांग्रेस से एक अन्य प्रत्याशी ने अपना नामांकन जमा किया था, लेकिन पार्टी उसे बी फार्म ही नहीं दिया।
यानी धमतरी नगर निगम में महापौर प्रत्याशी के रूप में कांग्रेस का कोई उम्मीदवार चुनाव मैदान में नहीं है। यहां भाजपा प्रत्याशी की जीत साफ दिखाई दे रही है। निर्विरोध निर्वाचन की खबर दिल्ली तक भी पहुंची है। बताया जाता है कि कुछ नेताओं ने इसकी शिकायत दिल्ली में आला नेताओं से की है। दरअसल, टिकट वितरण के मामले में
कांग्रेस की रणनीति की आलोचना हो रही है।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं के विरोध से बचने के लिए देर रात सूची जारी की। इसकी वजह से टिकट के दावेदारों में भी नाराजगी दिखी। राजधानी के चार वार्ड में तो पार्टी ने सीधे बी फार्म ही जारी किया था। हालांकि प्रत्याशियों को टिकट की सूचना फोन पर दे दी गई थी। जल्दबाजी की वजह से कई जगह नामांकन जमा करने में त्रुटि हुई। कांग्रेस की इस गलती का फायदा भाजपा को मिला। भाजपा प्रत्याशियों के निर्विरोध निर्वाचन होने से कांग्रेस की काफी फजीहत भी हो रही है।