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रायपुर

CG News: राज्य की प्रमोशन नीति सही, कोर्ट के आदेश के बाद प्राचार्य प्रमोशन का रास्ता साफ

बिलासपुर हाईकोर्ट ने राज्य शासन की प्रमोशन नीति को सही ठहराते हुए इस मामले में दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया। कोर्ट के आदेश के बाद प्राचार्य प्रमोशन का रास्ता साफ हो गया। याचिकाकर्ताओं ने व्याख्याता से प्राचार्य के पद पर बीएड डिग्रीधारकों को ही प्रमोशन देने की मांग की थी, जबकि राज्य शासन द्वारा वरिष्ठता के आधार पर गैर बीएड धारकों को भी प्रमोशन दिया जा रहा था।

रायपुरJul 01, 2025 / 08:29 pm

Rabindra Rai

CG News: राज्य की प्रमोशन नीति सही, कोर्ट के आदेश के बाद प्राचार्य प्रमोशन का रास्ता साफ

CG News: राज्य की प्रमोशन नीति सही, कोर्ट के आदेश के बाद प्राचार्य प्रमोशन का रास्ता साफ

प्रमोशन देकर ज्वॉइन कराने पर कोर्ट का सख्त रुख

करीब 15 दिन पहले हाईकोर्ट में 11 से 17 जून के बीच लगातार 4 दिन इस मामले में सुनवाई हुई। 17 जून को जस्टिस रजनी दुबे की डिवीजन बेंच ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया। इस पर मंगलवार को आदेश जारी किया गया। प्राचार्य पदोन्नति फोरम के साथ ही प्रमोशन को लेकर हाईकोर्ट में अलग-अलग याचिकाएं दायर की गई थी। इनमें बताया गया किपहले कोर्ट के आदेश के बावजूद कई शिक्षकों को प्राचार्य पद पर प्रमोशन देकर ज्वॉइन करा दिया गया है। इस पर कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि यह न्यायालय की अवमानना का मामला है। शुरुआती सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने आगामी आदेश तक की गई सभी ज्वॉइनिंग को अमान्य कर दिया।

कोई गड़बड़ी नहीं कीः राज्य सरकार

मामले में याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ताओं ने प्राचार्य पद के लिए बीएड डिग्री को अनिवार्य बताया था। इसके अलावा, उन्होंने माध्यमिक स्कूलों के प्रधान पाठकों से लेक्चरर बने शिक्षकों की वरिष्ठता का मुद्दा भी उठाया। इस दौरान राज्य सरकार की ओर से जानकारी दी गई कि प्रमोशन नियम को लेकर सभी कैटेगरी के शिक्षकों के हितों का ध्यान रखा गया। इसमें कोई गड़बड़ी नहीं की गई है। कोर्ट ने तर्कों से सहमत होकर याचिकाएं खारिज कर दी।

अब पूरी प्रक्रिया फिर से शुरू

मार्च 2025 में हाईकोर्ट में प्राचार्य प्रमोशन प्रक्रिया को चुनौती दी गई थी। राज्य सरकार ने भी कोर्ट को आश्वस्त किया था कि सुनवाई और कोर्ट के फैसले से पहले प्रमोशन लिस्ट जारी नहीं की जाएगी। लेकिन 30 अप्रैल को ही राज्य शासन ने प्राचार्यों की पदोन्नति सूची जारी की। इसमें ई संवर्ग के 1524 एवं टी संवर्ग के 1401 शिक्षकों समेत कुल 2925 शिक्षकों की सूची जारी की गई। जबकि प्रमोशन से प्रभावित लेक्चरर व शिक्षक संगठनों के पदाधिकारियों द्वारा इस मुद्दे पर लगतार याचिकाएं दायर की जा रही थीं। इस पर 1 मई को हाईकोर्ट ने प्राचार्य प्रमोशन प्रक्रिया पर रोक लगा दी। साथ ही शिक्षकों की पोस्टिंग भी अमान्य कर दी थी। अब पूरी प्रक्रिया फिर से शुरू हो सकेगी।

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