प्राधिकरण ने रायपुर के सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. राकेश गुप्ता के पत्र का हवाला देते हुए लिखा है कि कलेक्टर द्वारा 2 मई 2025 को दी गई जांच रिपोर्ट में स्पष्ट है कि सेंध और झांझ जलाशय में नवा
रायपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा नियमों को ताक पर रखकर करोड़ों रुपए का पाथवे निर्माण, चौपाटी एवं अन्य गतिविधियां हुई हैं। यह दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है। इसका उल्लंघन करने पर पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम के प्रावधानों के तहत 5 वर्ष की सजा या 1 लाख रुपए का जुर्माया और दोनों का प्रावधान किया गया है।
जलाशय में इस तरह का काम
झांझ जलाशय की जुलाई 2023 में हुई जांच में 13.69 करोड रुपए का पाथवे निर्माण, रिटेनिंग वॉल, वृक्षारोपण जल निकासी के लिए पुलिया निर्माण कराया जा रहा था। निरीक्षण के दौरान पता चला कि निर्माण कार्य के कारण झांझ जलाशय के जल धारण क्षमता एवं क्षेत्रफल में कमी आएगी। इसी दौरान सेंध जलाशय में 41.79 करोड के पाथवे निर्माण, रिटेनिंग वॉल, शॉप, पार्किंग शेड का निर्माण कार्य कराया जा रहा था। निर्माण संतुष्टजनक न पाए जाने पर जलाशयों में काम रुकवा दिया गया था।
प्रतिबंध के बाद भी निर्माण
सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. राकेश गुप्ता ने बताया कि जुलाई 2023 में जांच दल द्वारा सभी कार्य रोके गए थे। इसके बावजूद मार्च 2024 में 15.34 करोड़ का कार्यादेश नया रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण ने जारी कर सेंध जलाशय में सौंदर्यीकरण और अन्य कार्य पूर्ण कराए गए। जांच दल ने जुलाई 2023 में जांच रिपोर्ट कलेक्टर को दी थी। जिसे दबा कर रखा गया और मई 2025 में वेटलैंड प्राधिकरण को सौंपा गया।