भारतमाला: मिलीभगत के जरिए जमीन को छोटे टुकड़ों में बांटा
उल्लेखनीय है कि भारतमाला रोड प्रोजेक्ट की जमीनों के अधिग्रहण के दौरान भी किसानों की जमीनों को भूमाफिया और राजस्व अधिकारियों ने मिलीभगत के जरिए छोटे टुकड़ों में बांटा था। इससे अधिक मुआवजा मिला। नई रेलवे लाइन में भी यही खेल दोहराने की तैयारी है। कलेक्टर के आदेश के बावजूद जमीनों के छोटे टुकड़ों की राजस्व अधिकारियों ने खरीदी-बिक्री की प्रक्रिया पूरी कर दी है। इससे बड़े मुआवजे के लिए बड़ा रैकेट सक्रिय होने की आशंका है।रेलवे का लेटर दलालों तक पहुंचा
खरसिया-नवा रायपुर-परमलकसा नई रेलवे लाइन का निर्माण करने के लिए दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर के सब इंजीनियर राकेश कुमार दिव्य ने रायपुर कलेक्टर को 9 अप्रैल को पत्र लिखकर तिल्दा, आरंग और अभनपुर के 35 गांवों की जमीनों की खरीदी-बिक्री और इससे जुड़े कार्यों पर रोक लगाने कहा था। उन्होंने भूमाफियाओं द्वारा अधिग्रहण के दौरान अधिक मुआवजा के लिए जमीनों के छोटे टुकड़े करने की आशंका भी जताई थी।गांवों की जमीन खरीदी-बिक्री पर रोक
रायपुर कलेक्टर ने सभी ब्लॉक के राजस्व अधिकारियों को 15 अप्रैल को पत्र जारी करते हुए अभनपुर, खरोरा, मंदिरहसौद, गोबरानवापारा के प्रभावित गांवों की जमीन खरीदी-बिक्री पर रोक लगाने का आदेश दिया। इसके बाद भी अभनपुर ब्लॉक के तीन गांवों की 33 जमीनों की रजिस्ट्री कर दी गई। बताया जाता है कि रेलवे का लेटर कई जमीन दलालों और भूमाफियाओं के हाथ लग गया था। इसके बाद प्रभावित गांवों की जमीनों में हेरफेर शुरू कर दिया गया। कलेक्टर के आदेश जारी होने के बाद भी छोटे टुकड़ों की रजिस्ट्री कर दी गई है।इन गांवों में रोक
नई रेलवे लाइन के लिए ग्राम आलेसुर, पचरी, छडिय़ा, नाहरडीह, पथरकुंडी, खरोरा, मांठ, बेलदारसिवनी, बुड़ेनी, खौली, टिकारी, डिघारी, नारा, रीवा, परसदा, उमरिया, गुजरा, धमनी, गनौद, खरखराडीह, नवागांव, तर्रा, थनौद, जामगांव, गिरहौला, बेलभाठा, उरला, अभनपुर, सारखी, कोलर, खोरपा, पलौद, डोडरा, खट्टी, परसदा की जमीनें प्रभावित होंगी। इसलिए इन गांवों की जमीनों की खरीदी-बिक्री पर रोक लगाई गई है।नामांतरण नहीं किया जाएगा
नई रेलवे लाइन के लिए जमीनों की खरीदी-बिक्री पर रोक लगाई गई है। अगर किसी ने जमीन की खरीदी-बिक्री करके रजिस्ट्री करवा ली है, तो उसका नामांतरण नहीं किया जाएगा। इस पर रोक है।-रवि सिंह, एसडीएम, अभनपुर, रायपुर