1941 की काली छाया? युद्ध, हादसे… क्या 2025 में इतिहास खुद को दोहरा रहा है? जानिए क्या है सच्चाई
Viral Issue: 1941 और 2025 का कैलेंडर एक ही जैसा है। ऐसे में सोशल मीडिया यह सवाल उठ रहा है कि क्या इतिहास खुद को दोहरा रहा है। साथ ही हुए हाल ही के घटनाक्रम ने सोचने पर मजबूर कर दिया है..
ताबीर हुसैन. इन दिनों एक वीडियो सोशल मीडिया (Viral Issue) में तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में 1941 की भयानक ऐतिहासिक घटनाओं विश्व युद्ध, बमबारी, जेनेशाइड, मास किलिंग और 2025 की वर्तमान हलचलों कैलिफोर्निया फायर, पहलगाम अटैक, प्लेन क्रैश के बीच समानता को दिखाया गया है। साथ ही यह भी दावा किय गया कि दोनों सालों का कैलेंडर एक जैसा है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि 1941 और 2025 का कैलेंडर मेल खाना एक खगोलीय संयोग हो सकता है। 1 जनवरी दोनों सालों में बुधवार को पड़ता है और महीनों का तारीख-दिन क्रम भी काफी हद तक समान है। विशेषज्ञों का मानना है कि 1941 और 2025 का मिलता हुआ कैलेंडर एक रोचक चर्चा का विषय जरूर हो सकता है, लेकिन इतिहास की घटनाएं दोहराई जाएंगी यह मानना डर का बाजार खड़ा करना होगा। समय बदल चुका है, लेकिन इंसानी गलतियां वही हैं। इसलिए जरूरत है सीखने की, दोहराने की नहीं।
एनआईटी रायपुर की साइकोलॉजिस्ट डॉ. हिना चावड़ा कहती हैं, कैलेंडर का मिलना रोचक संयोग हो सकता है, लेकिन इसका इतिहास से कोई वास्तविक संबंध नहीं है। हमें इतिहास से सीखना चाहिए, डरना नहीं। यह कहना कि इतिहास खुद को दोहरा रहा है, महज एक मिथक हो सकता है। वे आगे कहती हैं, भौतिक विकास अपनी चरम सीमा पर है। अब जरूरत है चेतना, मानसिक स्वास्थ्य और पर्यावरण संतुलन की। जब तक दुनिया ‘वसुधैव कुटुम्बकम, एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ की भावना से नहीं सोचेगी, तब तक युद्ध, विनाश और असंतुलन बढ़ते रहेंगे।
1941 बनाम 2025
1941 – द्वितीय विश्व युद्ध चरम पर असंख्य नागरिकों की मौत वैश्विक सत्ता संघर्ष और आतंक