नगर में ऐसे ही अवैध कॉलोनियों का जाल बिछा हुआ है। जहां कृषि भूमि पर ही बिना डायवर्सन के भू-खंड काट दिए गए हैं। पंजीयक विभाग से नगर परिषद तक अपने रसूख का दुरुपयोग कर बिना अनुमति के कॉलोनियां बसाई जा रही हैं। जिन पर न हल्का पटवारी की नजर जाती है न ही तहसीलदार की। प्रशासनिक स्तर पर कोई सख्ती नहीं बरती जा रही है।
सरकारी राजस्व की हानि करवा रहे कॉलोनाइजर
नियम अनुसार रजिस्टार ऑफिस में कोई भी भू-स्वामी तीन प्लॉट से ज्यादा नहीं बेच सकता। लेकिन हकीकत में कॉलोनाइजर औने-पौने दाम पर विवादित कृषि भूमि खरीद 1500 से 3500 रुपए वर्ग फीट से प्लॉट बेच रहे हैं। रजिस्ट्री के मान से तहसील में नामांतरण हो रहें है। तहसील से नामांतरण के साथ ही नगर परिषद में नामांतरण निर्माण मंजूरी मिल जाती है। सभी दस्तावेजों के आधार पर निजी बैंक से लोन मिल जाता है। यह सभी काम कॉलोनाइजर खुद करवा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार नगरीय क्षेत्र में 15 से अधिक अवैध कॉलोनियों में रजिस्ट्री, नामांतरण किए जा रहे हैं।
पहले से बनीं कॉलोनियों में नहीं है सुविधाएं
नगर के सभी 15 ही वार्डों में अधिकांश जगह सीसी नहीं है। भाजपा के गढ़ कहें जाने वाले वार्ड-13-14-15 परलापुरा वासी बारिश के चलते कीचड़ में फिसल रहें हैं। यहां के नागरिक धरना आंदोलन को मजबूर हैं। नपा के माध्यम से अवैध कॉलोनियों में जरूर सड़कें बनवाई जा रही हैं। ऐसे में कॉलोनाइजर न सिर्फ राजस्व की चोरी कर रहे बल्कि उन्हीं अवैध कॉलोनियों में शासन स्तर पर काम भी करवाए जा रहे हैं। वार्ड-2 और वार्ड-12 अवैध कालोनियों में चिह्नित होने के बावजूज नपा वहां सड़क बनवा रही है। सूत्रों की मानें तो नगर की कुछ अवैध कालोनियों में सीसी काम कॉलोनाइजर ही करवा रहे हैं। भुगतान के बिल जरूर नपा में लग रहे हैं।
जो कॉलोनी अवैध वहां बनाई जा रही थी सड़क
कुछ समय पहले ऐसा ही मामला अवैध कॉलोनी श्री राम धाम कॉलोनी में देखने को मिला था। इस कॉलोनी में नल-जल योजना, बिजली, पानी मंडी से रास्ते शासन ने दिया है। वहीं कुछ समय पहले नगर परिषद द्वारा अवैध कॉलोनी चिह्नित होने के बावजूद सीसी रोड बना दिया। सूत्रों की मानें तो अवैध कॉलोनियों के इस खेल में नेताओं सहित कुछ कर्मचारियों की पार्टनरशिप है। इसी के चलते नगर की 20 से अधिक अवैध कालोनियों का सर्वे करने की हिमत प्रशासन नहीं जुटा पा रहा है। कुछ अवैध कालोनियों में प्रधानमंत्री आवास देने की भी तैयारी है, जिसकी सूची कुछ समय पहले एसडीएम कार्यालय भेज दी गई है।