बताया जा रहा है कि डोंगरगढ़ पहाड़ी से इस तरह चट्टान गिरने की यह पहली घटना है। गनीमत रही कि चट्टान का टुकड़ा सीढ़ियों में रूक गया, नीचे गिरता तो इसके
चपेट में पहाड़ के नीचे बसने वाले घर या सड़क के राहगीर आ सकते थे। इस तरह बड़ा हादसा टल गया।
प्रत्यक्ष दर्शियों की माने तो पिछले दिनों लगातार हुई झमाझम बारिश के चलते सोमवार को ऊपर बमलाई के पीछे वाले रास्ते में एक विशाल चट्टान खिसककर गिर गया। लोगों की नजर पड़ी तो वहां दहशत फैल गई। रनचंडी मंदिर के पास रह रहे लोगों ने बताया कि पहाड़ी पर ऐसा हादसा पहली बार हुआ है।
ये भी हो सकता है कारण पहाड़ी पर लंबे समय से अवैज्ञानिक ढंग से निर्माण कार्य चल रहा है। इसके लिए पत्थरों की कटाई भी जाती है। इसे भी हादसे का कारण माना जा रहा है।गतिविधियां पहाड़ी की मजबूती को कमजोर कर रही है। पहाड़ी पर रणचंडी मंदिर की ओर बनी करीब 500 सीढ़ियों के ऊपर का हिस्सा टूटकर क्षतिग्रस्त हो गया, जिससे पीछे का मार्ग अवरुद्ध हो गया है।
बादल गरजने जैसी आई आवाज मंदिर में रहने वाली मान बाई नेताम ने बताया सोमवार सुबह जैसे बादल गरजता है, वैसी आवाज आई। लड़का चिल्लाया कि पत्थर गिर रहा है। गनीमत रही कि चट्टान दूसरी चट्टानों पर अटक गया, वरना नीचे बसे घरों और रास्तों पर बड़ा हादसा हो सकता था।