Rajnandgaon News: खरीफ 2025 में फसलों की बुवाई प्रगति पर
मिली जानकारी अनुसार कृषि केंद्र में लाइसेंस में निर्धारित औषधियों के अलावा अन्य 14 प्रकार के कृषि औषधियों का विक्रय किया जा रहा था। जो कि बीज गुण (नियंत्रण) आदेश-1983 एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम-1955 की धारा-3 एवं कीटनाशक अधिनियम 1968 एवं नियम 1971 की धारा-13 में निहित प्रावधानों के तहत नियम विपरीत है। मानसून के आगमन के साथ खरीफ 2025 में फसलों की बुवाई प्रगति पर है। विपुल उत्पादन देने वाली फसल के किस्मों के बीजों की सहकारी एवं निजी संस्थाओं द्वारा तेजी से विक्रय हो रहा हैं। कृषि विभाग द्वारा शासन द्वारा निर्धारित मूल्य पर कृषि आदान सामग्री, बीज, उर्वरक एवं कीटनाशकों की कृषकों को उपलब्धता तय किया जा रहा है। अनुज्ञप्ति के नियम एवं शर्तों का उल्लंघन करने पर संबंधित फर्म के विरूद्ध कार्रवाई की जा रही हैं।
इन दवाइयों को बेचने का लाइसेंस नहीं
कृषि उप संचालक नागेश्वर लाल पाण्डे औचक निरीक्षण करने बसंतपुर स्थित सुजल कृषि केंद्र में पहुंचे, जहां बिना स्त्रोत प्रमाण पत्र के धान बीज, किस्म जलमित्रा 250 किग्रा, किस्म 30 किग्रा, किस्म-828 160 किग्रा, किस्म चिंटू 20 किग्रा, किस्म-दीपरेखा 70 किग्रा पाया गया।
Rajnandgaon News: खरपतवारनाशक प्रिटिलाक्लोर 12 ली, बिसपायरीबेक सोडियम 10 प्रतिशत ईसी 3.9 ली., साथी 10 प्रतिशत डब्ल्यूपी 10 ली, एट्राजीन 50 प्रतिशत डब्ल्यूपी 10 ली, कीटनाशक व फफूंदनाशक क्लोरोपायरीफास 50 प्रतिशत + सायपरमेथीन 5प्रतिशत 8 ली., पेण्डीमेथालीन 30प्रतिशत ईसी 2 ली., क्लोरोपायरीफास 20प्रतिशत ईसी 19 ली.,लेबडासायहेलोथीन 4.9 प्रतिशत 21 ली., बायोफेन्थीन 13 ली., हेक्जाकोनाजोल 11 ली., डाईमेथोएट 30 प्रतिशत ईसी 21 ली., एसीफेट 12.5 ली., कॉपरआक्सीक्लोरामाईट 50 प्रतिशत डब्ल्यूपी17 ली पाए गए।