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पशुपालकों को जयपुर, अजमेर और उदयपुर नहीं जाना पड़ेगा, यह है कारण…पढ़े पूरी खबर

जिले के पशुपालकों को प्रशिक्षण के लिए पहले जयपुर, अजमेर और उदयपुर जाना पड़ता था, लेकिन अब नाथद्वारा में पशुपालक प्रशिक्षण संस्थान का निर्माण अंतिम चरण में है। विभाग की ओर से यहां पर पहले ही पद सृजित किया जा चुके हैं।

राजसमंदMar 12, 2025 / 10:56 am

himanshu dhawal

राजसमंद. जिले के पशुपालकों के लिए अच्छी खबर है। अब उन्हें प्रशिक्षण के लिए जयपुर, उदयपुर और अजमेर आदि स्थानों पर नहीं जाना पड़ेगा। पशुपालक प्रशिक्षण संस्थान का निर्माण इस माह के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है। यहां पर 50 पशुपालक आवासीय प्रशिक्षण ले सकेंगे। इससे पशुपालन को बढ़ावा मिलने के साथ ही रोजगार के अवसरों में भी इजाफा होगा। नाथद्वारा स्थित नाथूवास पॉली क्लिनिक के पास पशुपालक प्रशिक्षण संस्थान का निर्माण करवाया जा रहा है। डीएमएफटी फंड से करीब 6.61 करोड़ की लागत से निर्मित इस पशुपालक प्रशिक्षण संस्थान का निर्माण कार्य अंंतिम चरण में है और इस माह के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है। इसके बाद नवनिर्मित भवन को विभाग को सौंपा जाएगा। इसके लोकार्पण के बाद यहां पर किसानों को गौ-पालन, बकरी पालन, मुर्गी-पालन सहित अलग-अलग तरह के प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे। भवन का निर्माण कार्य 2 जनवरी 2023 में प्रारंभ हुआ था। उक्त कार्य को 28 मार्च 2025 तक पूर्ण किया जाना प्रस्तावित है। उल्लेखनीय है कि उक्त भवन का निर्माण डीएमएफटी फंड से करीब 2 बीघा जमीन पर करवाया जा रहा है।

पदों का हो चुका सृजन

पशुपालन विभाग के जानकारों के अनुसार पशुपालक प्रशिक्षण संस्थान के लिए राज्य सरकार की ओर से संयुक्त निदेशक, उप निदेशक, वरिष्ठ पशु चिकित्साधिकारी, पशु चिकित्साधिकारी, निजी सहायक, पशु चिकित्सा सहायक, पशुधन सहायक, वरिष्ठ सहायक, कनिष्ठ सहायक, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, जल धारी, पशुधन परिचर के पद भी पूर्व में सृजित किए जा चुके हैं।

भवन की वर्तमान स्थिति

पशुपालक प्रशिक्षण संस्थान में एडमिन ब्लॉक में स्ट्रक्चर एवं बिजली की फिटिंग आदि का काम पूर्ण हो चुका है। फिनिशिंग कार्य जारी है। हॉस्टल ब्लॉक में आरसीसी वाटर टैंक के स्ट्रक्चर का कार्य तथा फिनिशिंग में आउटर प्लास्टर, रंग रोगन तथा द्वितीय फ्लोर पर कॉरीडोर फ्लोरिंग का कार्य जारी है। आउटर डेवलपमेंट में उत्तर दिशा की तरफ सीवरेज चैंबर एवं रेन वॉटर ड्रेनेज का कार्य पूर्ण हो चुका है।

यह होगा पशुपालकों को फायदा

पशुपालक प्रशिक्षण संस्थान में पशुपालन की आधुनिक तकनिकों के जरिए पशुपालकों को पशुधन का व्यवहारिक ज्ञान, दुधारू पशुओं का चयन, रखरखाव, संतुलित आहार, रोग उपचार एवं रोग निरोधक टीकाकरण, गाय-भैंस पालन, भेड़ व बकरी पालन, कुक्कट पालन, शुकर पालन, अश्व पालन आदि की जानकारी प्रशिक्षण में मिलेगी। इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

पशुपालक होंगे लाभान्वित, जल्द होगा काम पूरा

नाथूवास में बन रहे पशुपालक प्रशिक्षण संस्थान का निर्माण कार्य इस माह के अंत तक पूरा होगा। इससे पशुपालन को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसरों का इजाफा होगा। इसमें 50 पशुपालकों के आवासीय प्रशिक्षण की व्यवस्था रहेगी।

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