पदों का हो चुका सृजन
पशुपालन विभाग के जानकारों के अनुसार पशुपालक प्रशिक्षण संस्थान के लिए राज्य सरकार की ओर से संयुक्त निदेशक, उप निदेशक, वरिष्ठ पशु चिकित्साधिकारी, पशु चिकित्साधिकारी, निजी सहायक, पशु चिकित्सा सहायक, पशुधन सहायक, वरिष्ठ सहायक, कनिष्ठ सहायक, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, जल धारी, पशुधन परिचर के पद भी पूर्व में सृजित किए जा चुके हैं।
भवन की वर्तमान स्थिति
पशुपालक प्रशिक्षण संस्थान में एडमिन ब्लॉक में स्ट्रक्चर एवं बिजली की फिटिंग आदि का काम पूर्ण हो चुका है। फिनिशिंग कार्य जारी है। हॉस्टल ब्लॉक में आरसीसी वाटर टैंक के स्ट्रक्चर का कार्य तथा फिनिशिंग में आउटर प्लास्टर, रंग रोगन तथा द्वितीय फ्लोर पर कॉरीडोर फ्लोरिंग का कार्य जारी है। आउटर डेवलपमेंट में उत्तर दिशा की तरफ सीवरेज चैंबर एवं रेन वॉटर ड्रेनेज का कार्य पूर्ण हो चुका है।
यह होगा पशुपालकों को फायदा
पशुपालक प्रशिक्षण संस्थान में पशुपालन की आधुनिक तकनिकों के जरिए पशुपालकों को पशुधन का व्यवहारिक ज्ञान, दुधारू पशुओं का चयन, रखरखाव, संतुलित आहार, रोग उपचार एवं रोग निरोधक टीकाकरण, गाय-भैंस पालन, भेड़ व बकरी पालन, कुक्कट पालन, शुकर पालन, अश्व पालन आदि की जानकारी प्रशिक्षण में मिलेगी। इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
पशुपालक होंगे लाभान्वित, जल्द होगा काम पूरा
नाथूवास में बन रहे पशुपालक प्रशिक्षण संस्थान का निर्माण कार्य इस माह के अंत तक पूरा होगा। इससे पशुपालन को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसरों का इजाफा होगा। इसमें 50 पशुपालकों के आवासीय प्रशिक्षण की व्यवस्था रहेगी।