सरकार इन पर दे ध्यान तो सुधरे हाल
- – सरकार को रॉयल्टी या जीएसटी दोनों में से एक टैक्स के रूप में लें।
- कोटा स्कोबे स्टोन की तर्ज पर पांच प्रतिशत जीएसटी लिया जाए।
- – सभी सरकारी निर्माण कार्य में मार्बल, ग्रेनाइट के वेस्ट खण्डों का उपयोग किया जाए।
- – सडक निर्माण में मार्बल, ग्रेनाइट स्लरी व ब्लॉक्स का प्रयोग करने के आदेश जारी किए जाएं।
- – छोटी टाइल्स, वेस्टेज खण्डों आदि पर टैक्स पूरी तरह खत्म किया जाए। जिससे क्रेक जोन माल व वेस्टेज खण्डे की मांग बढ़ सकती है।
ये सुविधाएं करें विकसित
मार्बल व्यावसायियों की बैठक में अनेक मुद्दों पर चर्चा की गई। इस दौरान इन औद्योगिक इकाईयों को प्रोत्साहित करने के लिए एकल खिड़की से सुविधा दी जाए। इसके अलावा यहां पर गैस पाइप लाइन बिछाई जाए ताकि मार्बल व ग्रेनाइट के उत्पादन में काम लिया जा सके। इसके अलावा जिला मुख्यालय पर ब्रॉडगेज की सुविधा भी शीघ्र शुरू करने की मांग की गई। उन्होंने कहा कि कांकरोली रेलवे स्टेशन को भीलवाड़ा से ब्रॉडगेज लाइन से जोड़ा जाए ताकि मार्बल उद्योग का विकास हो।
कंटेनर डिपो की हो सुविधा
मार्बल, ग्रेनाइट उद्योग को पूर्ण रूप से विकसित करने के लिए सरकार को इस पर काम करना होगा। राजसमंद से नाथद्वारा के बीच कंटेनर डिपो खोला जाए, ताकि उद्योगों में गति आ सके। इसके अलावा स्टोन मंडी के लिए ट्रांसपोर्ट नगर भी बनाया जाए। वहीं औद्योगिक पार्क का निर्माण किया जाए। जिससे की इन उद्योगों के विकास को पंख लग सकें।