scriptटूटी रोजी-रोटी की उम्मीद, मां की दवा भी नहीं पहुंच सकी, हादसे में उजड़ गए हंसते-खेलते तीन परिवार | Patrika News
राजसमंद

टूटी रोजी-रोटी की उम्मीद, मां की दवा भी नहीं पहुंच सकी, हादसे में उजड़ गए हंसते-खेलते तीन परिवार

भीलवाड़ा-राजसमंद हाईवे स्थित भावा के पास अनियंत्रित होकर निजी बस पलट गई। इससे बस में सवार तीन यात्रियों की मौत हो गई, जबकि 17 यात्री घायल हो गए। घायलों को आर.के.चिकित्सालय में उपचार के लिए भर्ती कराया गया।

राजसमंदMay 25, 2025 / 11:15 am

himanshu dhawal

बस दुर्घटना में मित्र की मौत होने के बाद शोक में डूबे दोस्त

हिमांशु धवल@ राजसमंद. भीलवाड़ा-राजसमंद हाईवे पर भावा के पास शनिवार को स्लीपर बस का पलटना एक सडक़ दुर्घटना नहीं, बल्कि तीन परिवारों की जिंदगी को तबाह करने वाला एक दर्दनाक मंजर बन गया। यह हादसा बस चालक की लापरवाही और तेज़ रफ्तार का परिणाम है, जिसने तीन परिवारों की उम्मीदों को एक पहल में ही ध्वस्त कर दिया। हादसे में मारे व्यक्ति ज़िम्मेदार और परिवार के सहारे थे। इनमें से एक महिला अपनी बीमार मां के लिए जरूरी दवा लेकर जा रही थी, वहीं दूसरा रोज़ी-रोटी कमाने के लिए घर से निकला था। उनकी जान जाने के साथ ही उनके परिवारों की सारी उम्मीदें भी दब कर रह गईं। ऐसे में एक परिवार के लिए रोजी-रोटी की उम्मीेदें टूट गई, दूसरी तरफ बीमार मां तक दवाई भी नहीं पहुंच सकी। हादसे से पहले केबिन में बैठे यात्रियों ने बस चालक से बस को धीमे चलाने की गुहार लगाई थी। लेकिन चालक ने यात्रियों की इस बात को नजरअंदाज कर दिया और बस को तेज गति से चलाता रहा। उल्लेखनीय है कि हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 17 लोग घायल हो गए हैं।

संबंधित खबरें

ट्रॉयल लेने गए मिस्त्री की मौत, पिता भी थे बस में सवार

भीलवाड़ा के पुर निवासी आसीफ मोहम्मद बिसायती (27) पेशे से मिस्त्री है। गत दिनों उसी ने ही बस का काम किया था, वह बस की ट्रॉयल के लिए अहमदाबाद गया था। वहां से वापस लौट रहा था। उसके साथ उसके पिता अयूब मोहम्मद भी साथ में थे। हादसे में आसीफ मोहम्मद की मौत हो गई। मृतक के भाई साहिल ने बताया कि इस एजेंसी की एक और गाड़ी आसीफ ने तैयार की है। उसकी ट्रॉयल लेना बाकि था। हादसे की जानकारी मिलते ही घर में कोहराम मच गया। आर.के.राजकीय चिकित्सालय की मोर्चरी के बाहर परिजनों की भीड़ लग गई। सभी लोगों की आंखे नम थी।

अहमदाबाद से मां की दवा लेकर लौट रही थी गीता

भीलवाड़ा जिले के ग्राम सुरावास निवासी गीता अहीर पिछले कुछ दिनों से अहमदाबाद में अपने बेटे के पास ही रह रही थी। परिजनों ने बताया कि गीता की मां का उपचार अहमदाबाद के हॉस्पीटल से चल रहा है। इसके चलते प्रतिमाह उसकी दवा लेने के लिए वहां जाना पड़ता था। गीता के तीन बेटे है। उसमें से एक अहमदाबाद में ही काम करता है। गीता मां की दवा लेकर बस से भीलवाड़ा आ रही थी और भावा के पास बस के पलटने से मौत हो गई। मृतका के पति खेतीबाड़ी का काम करते हैं। गांव में सूचना मिलते ही सरपंच सहित परिजन आर.के.चिकित्सालय मोर्चरी पहुंचे। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजन को सौंप दिया।

इकलौता कमाने वाला भी चल बसा, दोस्तों की फूटी रूलाई

बिहार के मोतीहारी कुनवा चैमपुरा निवासी अखिलेश पंडित (25) की हादसे में मौत हो गई। उसके साथ बिहार के अनिल कुमार, मनोज कुमार यादव, छोटेलाल कुमार, चंदन कुमार और राहुल कुमार भी अहमदाबाद में सिलाई का काम करते थे। वहां पर काम खत्म होने के बाद वह भीलवाड़ा जा रहे थे। मृतक के साथियों ने बताया कि अखिलेश पंडित परिवार में इकलौता कमाने वाला था। उसके दो छोटे भाई है। मां दिव्यांग और पिता से काम-काज नहीं होता है। घर की हालत काफी दयनीय है। उसके साथियों ने बताया कि अब अखिलेश के घर का गुजर-बसर बहुत मुश्किल हो जाएगा। बातचीत के दौरान कुछ साथियों के रूलाई भी फूट पड़ी। सभी ने कहा कि ड्राइवर को कई बार गाड़़ी को धीरे चलाने के लिए कहा था, ेलकिन उसने बात नहीं मानी।

Hindi News / Rajsamand / टूटी रोजी-रोटी की उम्मीद, मां की दवा भी नहीं पहुंच सकी, हादसे में उजड़ गए हंसते-खेलते तीन परिवार

ट्रेंडिंग वीडियो