लकड़ी और सरिए से पीटा
यह घटना रविवार रात करीब 2 बजे की है, जब नैनालाल भील अपने परिवार के साथ चौक में सो रहा था। अचानक नकाबपोश लुटेरों ने घर में घुसकर उन्हें काबू में कर लिया। नैनालाल, उसकी मां फेफी देवी और पत्नी गीता को लकड़ी और सरिए से बेरहमी से पीटा गया। मारपीट के बाद तीनों को एक कच्चे कमरे में ले जाकर बंद कर दिया गया। बंद कमरे से लगाई मदद की पुकार
लुटेरों ने कमरे में रखे ढ़ाई किलो चांदी के जेवरात, कुछ नकदी और महिलाओं के आभूषण लूटे। जान बचाने के लिए कमरे में बंद परिवार ने मदद के लिए पुकार लगाई, लेकिन घर बाहर से बंद होने के कारण उनकी आवाज बाहर नहीं पहुंच सकी।
ईंट तोड़कर बनाया रास्ता और बाहर निकाला परिवार
सोमवार तड़के लगभग 4 से 5 बजे के बीच, नैनालाल ने कच्ची दीवार की ईंटें तोड़ने की कोशिश की। घायल अवस्था में ही उसने ईंटें तोड़कर एक छोटा रास्ता बनाया और कमरे से घिसटते हुए बाहर निकला। बाहर पहुंचने के बाद वह मदद के लिए चिल्लाया, तब जाकर पास-पड़ोस के लोगों को घटना का पता चला।