कच्छावा ने बताया कि साइबर सुरक्षा कंप्यूटर सर्वर मोबाइल डिवाइस नेटवर्क व डाटा को दुर्भावना पूर्ण हमले से बचने का प्रयास है। इसके कई प्रकार हैं। नेटवर्क सुरक्षा, एप्लीकेशन सुरक्षा, सूचना सुरक्षा, परिचालन सुरक्षा और आपदा रिकवरी। उन्होंने बताया कि हर साल साइबर खतरा बढ़ रहा है। 2023 में साइबर सुरक्षा पर 188.3 लाख डॉलर खर्च किए गए। वार्ताकार भगवान लाल चंदेल ने कहा कि मेलवेयर एक दुर्भावना पूर्ण सॉफ्टवेयर है, जिससे साइबर अपराधी वैध उपयोगकर्ता के कंप्यूटर को हैक या बाधित कर नुकसान पहुंचा सकते हैं। मेलवेयर कई प्रकार के होते हैं जैसे वायरस, ट्रोजन स्पाइवेयर, रेन समव्हेयर, बोर्नेट और फिशिंग।
सावधान रहें, स्वयं सुरक्षित रहें
शिक्षाविद् कच्छावा ने कहा कि हमें सॉफ्टवेयर ऑपरेटिंग सिस्टम को अपडेट करना होगा। मजबूत पासवर्ड का इस्तेमाल करें, अज्ञात ई-मेल या लिंक पर क्लिक न करें, सार्वजनिक वाईफाई नेटवर्क का इस्तेमाल न करें, बाहरी डिवाइस को वायरस के लिए स्कैन करें, ब्लूटूथ कनेक्शन का इस्तेमाल न करें, वीडियो चैट से सावधान रहें और संवेदनशील फोटो ना लें। अज्ञात नंबरों से आने वाले फोन कॉल पर विश्वास ना करें तथा अपने ओटीपी और आधार नंबर किसी को सार्वजनिक नहीं करें। हमें टोल फ्री नंबर 1930 पर कॉल करना चाहिए, नजदीकी थाने में साइबर पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई जा सकती है और फ्रॉड कोल से बचाना है। इस अवसर छात्रा निशा कुमारी, गणपति कुमारी, मीरा कुमारी, संतोष कुमारी, किस्मत कुमारी ने भी विचार रखे।
ये रहे मौजूद
कार्यक्रम में प्रधानाचार्य भूपेंद्र कुमार उपाध्याय, ज्ञानू शर्मा, हरिश्चंद्र टेलर, सुरेश कुमार, सीमा गुर्जर, जगदीश चंद्र, रामकन्या बारेठ, प्रदीपसिंह परिहार, बालकराम, बनवारी लाल, वंदना परिहार, नारायण सिंह, मोहनलाल एवं समस्त छात्र-छात्राएं मौजूद थे।
पत्रिका की पहल सराहनीय
राजस्थान पत्रिका के रक्षा कवच अभियान के तहत साइबर जागरुकता कार्यक्रम सराहनीय पहल है। अभियान के माध्यम से साइबर जागरुकता को लेकर अच्छी जानकारीयां मिल रही है। जितना बचाव हो सके उतना अच्छा है। साथ ही अब हर वर्ग को सचेत रहना होगा। भूपेंद्र कुमार उपाध्याय, प्रधानाचार्य, राउमावि जीरण