‘शुद्ध के लिए युद्ध’ अभियान पर असर
‘शुद्ध के लिए युद्ध’ अभियान के तहत यह वैन राजसमंद और ब्यावर में 15-15 दिन संचालित होती थी, जिससे आम जनता को नि:शुल्क खाद्य पदार्थों की जांच की सुविधा मिलती थी। वैन के माध्यम से मौके पर ही दूध, मावा, मसाले आदि की जांच की जाती थी, जिससे मिलावटखोरों पर त्वरित कार्रवाई संभव होती थी।
मरम्मत की प्रक्रिया में देरी
विभागीय अधिकारियों के अनुसार, वैन की मरम्मत के लिए संबंधित एजेंसी को पत्र लिखा गया है और एजेंसी ने इसका एस्टीमेट भी तैयार किया है। अब इश्योरेंस कंपनी के प्रतिनिधि के आने का इंतजार है, जिसके बाद मरम्मत का कार्य शुरू होगा।
खाद्य सुरक्षा विभाग का दावा
हालांकि, विभाग का दावा है कि खाद्य सुरक्षा अधिकारी नियमित रूप से खाद्य पदार्थों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेज रहे हैं। पिछले साल भारी मात्रा में दूषित मावा और नकली घी जब्त किया गया था, जिससे मिलावटखोरों में हड़कंप मच गया था।
जनता की चिंता
वैन के निष्क्रिय होने से आम जनता को खाद्य पदार्थों की त्वरित जांच की सुविधा नहीं मिल पा रही है। त्योहारों के मौसम में मिलावटखोरों की गतिविधियां बढ़ जाती हैं, ऐसे में वैन की अनुपलब्धता से खाद्य सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं।