हालात यह है कि एक पखवाड़े से ज्यादा समय से फंड ट्रांसफर आर्डर (एफटीओ) सिस्टम को शासन ने ही बंद कर दिया है। शुरुआत में इसमें कुछ समस्या हुई और अब यह बंद पड़ा हुआ है। अब हालात यह है कि जिन्हें पहली किस्त ही नहीं मिली उन सहित जिन्हें दो या तीन किस्तें मिल चुकी हैं उनके मकानों का काम अधूरा पड़ा हुआ है। गरीब हितग्राही पंचायत और जनपदों के चक्कर काट रहे हैं। उनके एक ही जवाब मिल रहा है कि अभी शासन से पैसा नहीं आया है। (mp news)
केंद्र से ही नहीं मिली राशि
जिला पंचायत सूत्र बताते हैं कि ग्रामीण क्षेत्र के पीएम आवास योजना (pm awas yojana) के हितग्राहियों को आवास स्वीकृत होने के बाद चार किस्तों में राशि उनके खातों में अंतरित की जाती थी। इस साल मिले लक्ष्य के अनुसार आवास स्वीकृत हो गए लेकिन केंद्र से ही राशि जिला और जनपदों को नहीं पहुंची है। इस वजह से यह स्थिति निर्मित हुई है। बताया जाता है कि पहली और दूसरी किस्त की राशि आई पर बाद की राशि आने में देरी हो रही है।
ऐसे मिलती है किस्त की राशि
पीएम आवास योजना में जिनके आवास स्वीकृत होते हैं उन्हें चार किस्तों में 1 लाख 20 हजार रुपए शासन से मिलते हैं। पहलीकिस्त 25, दूसरी व तीसरी 40-40 हजार की दी जाती है। मकान पूर्ण होने पर अंतिम किस्त 15 हजार की होती है।
इसलिए दी जाती है राशि
पीएम आवास योजना में स्वीकृत मकानों को बनाने के लिए शासन से 90 दिन की मजदूरी के रूप में यह राशि हितग्राही को उसके खाते में दी जाती है। इससे हितग्राही स्वयं अपने मकान को बनाने में मजदूरी करके यह राशि प्राप्त कर सकता है।
शासन स्तर का मामला
एफटीओ बीच-बीच में बंद होता रहता है। कभी चालू हो जाता तो कभी बंद हो जाता है। जहां तक फंड की बात है तो यह शासनस्तर का मामला है। इसमें हम कुछ नहीं कर सकते हैं। फंड आते ही जारी कर दिया जाएगा। – शृंगार श्रीवास्तव, सीईओ जिपं, रतलाम
कई लोगों को पहली किस्त भी नहीं मिली
सूत्रों की मानें, तो जिन्होंने अपने पीएम आवास का काम अभी तक शुरु नहीं किया था और अब जब काम शुरु कर दिया, उन्हें पहली किस्त की राशि भी जारी नहीं हो पाई है। ऐसे लोग पहली किस्त के लिए जनपदों में चक्कर काट रहे हैं। जिले में इस साल 42 हजार पीएम आवास का लक्ष्य मिला है और यहां से लगभग सभी को स्वीकृति हो चुकी है। जिन हितग्राहियों को पहली और दूसरी किस्त दी जा चुकी है उन्हें भी राशि के अभाव में अगली किस्त देने में समस्या आ गई है।