प्रदेश में चौथी लैब होगी रतलाम में प्रदेश में इस समय एक दर्जन से ज्यादा मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं। वायरोलॉजी लैब इंदौर सहित अब तक गिने हुए मेडिकल कॉलेजों में ही यह लैब है। मेडिकल कॉलेज लेवल की यह लैब प्रदेश में चौथी होगी जो अब रतलाम में खुलने जा रही है। इससे बड़ा लाभ न सिर्फ रतलाम, बल्कि आसपास के जिलों के मरीजों को भी होगा।
सुरक्षा का विशेष स्तर होगा मेडिकल कॉलेज सूत्र बताते हैं कि आम लेबोरेटरी और वायरोलॉजी लैब में काफी अंतर होता है। वायरोलॉजी लैब में सुरक्षा का खास इंतजाम और ध्यान रखा जाता है। मेडिकल की भाषा में इस लैब को सेफ्टी लेवल 2 के मानकों के अनुसार बनाया जाएगा।
केंद्र प्रवर्तित योजना योजना केंद्र सरकार की तरफ से न केवल निर्मित होगी वरन इसका संचालन भी केंद्र की तरफ से ही बजट देकर कराया जाएगा। मानव संसाधन भी केंद्र सरकार की मद से होंगे। जो बजट मिला है उससे उपकरण खरीदने के साथ ही लेबोरेटरी का निर्माण कार्य कराया जाना है।
महामारी वायरल की जांच वायरोलॉजी (वीआरडीएल) नेटवर्क की स्थापना केंद्र सरकार ने महामारी और प्राकृतिक आपदाओं के प्रबंधन के लिए की थी। इसमें तरह-तरह के वायरस की जांच, उनके गुण, बीमारी पैदा करने वाले कीटाणुओं की प्रकृति की जांच की जाएगी। इनका प्रयोग जानवरों पर पहले किया जाता है फिर इंसानों पर प्रयोग होता है।
यह होती है वीडीआरएल वायरोलॉजी असल में वायरल अनुसंधान और निदान प्रयोगशाला है। इसमें वायरस से जुड़े अनुसंधान और निदान किए जाते हैं। यह प्रयोगशाला केंद्र सरकार के स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग के अंतर्गत आती है।
स्थान चयन हो गया वायरोलॉजी लैब के लिए माइक्रो बायोलॉजी लैब के पास ही स्थान चयन हो गया है। इसके निर्माण के लिए केंद्र सरकार से बजट भी मिल गया है। इसे मानकों के अनुसार निर्माण करने की पूरी रूपरेखा तैयार की जा रही है।
डॉ. प्रफुल्ल सोनगरा, एचओडी माइक्रो बॉयोलॉजी, मेडिकल कॉलेज