ये है फ्लाई ओवर बनाने की वजह
अधिकारियों के अनुसार, मकरोनिया चौराहे पर हमेशा बने रहने वाले जाम को देखते हुए फ्लाई ओवर बनाने की योजना बनाई गई है। लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर्स ने चार भुजाओं वाले फ्लाई ओवर का नक्शा तैयार कर प्रस्ताव राज्य व केंद्र सरकार को भेजा है। उम्मीद है कि केंद्र सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की सेतु बंधन योजना के तहत इस फ्लाई ओवर को जल्द ही स्वीकृति मिल जाएगी। इससे पहले एमपीआरडीसी ने दो भुजाओं वाला 300 मीटर लंबाई का फ्लाई ओवर बनाने के लिए करीब 38 करोड़ रुपए का टेंडर जारी किया था, लेकिन स्थानीय व्यापारियों के विरोध के कारण यह प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी थी।
व्यस्ततम चौराहे की सुधरेगी व्यवस्था
मकरोनिया चौराहा शहर का सबसे व्यस्ततम चौराहा है। सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक यहां हर घंटे औसतन ढाई से तीन हजार छोटे-बड़े वाहन गुजरते हैं। फ्लाई ओवर बनने से बड़े वाहनों के अलावा वे लोग सीधे ब्रिज के जरिए अपने-अपने मार्गों पर जा सकेंगे, जिन्हें चौराहे पर कोई काम नहीं है। खरीदारी करने वाले और स्थानीय लोग ही ब्रिज के नीचे पहुंचेंगे। ऐसे में न तो चौराहे के आसपास वर्तमान की तरह वाहनों की पार्किंग होगी और न ही जाम की स्थिति बनेगी। मकरोनिया चौराहे पर फ्लाई ओवर के प्रमुख बिंदु
- एमपीआरडीसी, एनएचएआई के साथ राज्य व केंद्र सरकार को भेजा प्रस्ताव।
- मकरोनिया चौराहे से निकलते हैं 5 प्रमुख मार्ग।
- हर घंटे गुजरते हैं 2.5 हजार से ज्यादा वाहन।
- 24 में से 12 घंटे तक जाम की स्थिति बनी रहती है।
- फ्लाई ओवर की प्रत्येक भुजा 400 मीटर लंबी होगी।
फ्लाई ओवर की विशेषताएं
- फ्लाई ओवर की भुजाएं जबलपुर, नरसिंहपुर हाईवे के अलावा सिविल लाइन और रजाखेड़ी की ओर उतरेंगी।
- चौराहे से चारों मार्गों पर भुजाओं की लंबाई 400 मीटर के करीब होगी।
- आने और जाने के लिए सड़कों की चौड़ाई 7 से 9 मीटर रखी जाएगी।
- ब्रिज के नीचे पहुंचने के लिए चारों मार्गों पर भुजाओं के दोनों ओर 7-7 मीटर चौड़ी सड़क बनाई जाएगी।