जमीयत-ए-उलेमा-ए-हिंद के जिलाध्यक्ष हाफिज सैयद नासिर अली ने बताया कि कुर्बानी भी तकवा की परहेजगारी के साथ अदा किया जाता है। तभी अल्लाह ताला कुर्बानी को कुबूल फरमाता है। जिन पर जकात वाजिब है उन पर कुर्बानी भी वाजिब है। जिसके पास साढ़े सात तोला सोना या साढ़े बावन तोला चांदी या इसके बराबर रकम सारे कार्य करने के बाद बचा हो उन पर कुर्बानी वाजिब हो जाती है।
कुर्बानी हमें फरमाबरदारी, त्याग और अल्लाह पर भरोसे का सबक देती है। यह हमें यह याद दिलाती है कि हमारी हर चीज अल्लाह की देन है और जब अल्लाह की रजा के लिए कोई भी त्याग करना पड़े, तो हमें पीछे नहीं हटना चाहिए।
हाफिज सैयद नासिर अली ने बताया कि कुर्बानी उन लोगों पर वाजिब है जिनके पास कुछ खास माल, धन या संपत्ति हो, जो शरीयत के हिसाब से कुर्बानी को वाजिब कर देती है। नासमझ बच्चों या पागल शख्स पर कुर्बानी वाजिब नहीं है।
इसलिए दी जाती है कुर्बानी
ईद-उल-अजहा के दिन कुर्बानी का सबसे बड़ा अल्लाह के हुक्म की पैरवी करना और हजरत इब्राहीम (अलैहिस्सलाम) की अजीम कुर्बानी को याद करना है। हजरत इब्राहीम (अ.स.) ने अल्लाह के हुक्म पर अपने प्यारे बेटे इस्माइल (अलैहिस्सलाम) को कुर्बान करने के लिए तैयार हो गए थे, लेकिन अल्लाह ने उनकी ईमानदारी और फरमाबरदारी को देखते हुए उनकी जगह एक दुंबा भेज दिया। यह इस बात का सबूत है कि अल्लाह को हमारा जानवर का गोश्त या खून नहीं चाहिए, बल्कि हमारी नीयत और अल्लाह के लिए कुछ भी कुर्बान करने का जज्बा चाहिए।
यहां हुई खरीदी
शुक्रवारी, सदर बाजार, कसाब मंडी, मछरयाई, कटरा बाजार एवं इतवारा बाजार में बकरों के खरीदार व बिक्रेता पहुंचे। बाजार बकरा करीब 12 हजार से लेकर 45 हजार रुपए तक में कुर्बानी करने के लिए खरीदे गए।
यहां होगी नमाज
शहर मुफ्ती तारिक अनवर साहब ने बताया कि लेदरा नाका भोपाल रोड ईदगाह में सुबह 7.30 बजे, कसाब मंडी मस्जिद राहतगढ़ बस स्टैंड में सुबह 7.45 बजे, जामा मस्जिद कटरा में 8 बजे, वहीं झांसी रोड ईदगाह में सुबह 7.30 बजे ईद-उल-अजहा की नमाज अता की जाएगी।