व्यापारियों के छोटे कांटों पर किसान तौल कराने से भी कतराते हैं, क्योंकि वहां किसानों से हम्माल दाना लेते हैं और समय भी ज्यादा लगता है। धर्मकांटे पर तौल कराने से उन्हें परेशान नहीं होना पड़ता है।
मंडी परिसर में जगह कम होना भी सबसे बड़ी समस्या है। जगह कम होने से भी वाहन खड़े करने जगह नहीं मिल पाती है। अभी किसानों के ट्रैक्टर-ट्रॉली पीछे खेत में खड़े करने पड़ रहे हैं, जिससे परेशानी हो रही है। इसके बाद भी न तो मंडी के बाजू से लगी हुई एक एकड़ जमीन पर कोई निर्णय हो पा रहा है और न ही जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया आगे बढ़ पा रही है।
दूसरा धर्मकांटा लगाने का अगले माह प्रस्ताव डाल रहे हैं, जिससे समस्या खत्म हो सके।
कमलेश सोनकर, सचिव, कृषि उपज मंडी, बीना