निजी विद्यालय फर्जी व डुप्लीकेट पाठ्यपुस्तकों को पाठ्यक्रम में शामिल करते हैं। इस बिंदु पर 11 जून से 30 जून तक विशेष अभियान चलाकर जांच पूर्ण करने और विद्यालयों को चिंहित कर अनियमितताएं पाए जाने पर संबंधित प्रकाशक व बुक सेलर्स के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। लेकिन निजी स्कूलों की जांच के प्रतिवदेन आज दिनांक तक प्राप्त नहीं हुए है।
पिछले वर्ष 12 दलों ने निजी स्कूल अधिनियम के आधार पर करीब 26 बिंदुओं पर स्कूलों की जांच की थी। निरीक्षण के दौरान टीमें स्कूल शुल्क, किताबें, यूनिफार्म, पालक बैठक, खेल सुविधाएं, लैब, परिवहन, सुरक्षा, भवन में जरूरी उपाय, स्टेशनरी, बैग, जूता, टाई, स्कूल फीस में लिए जाने वाले शुल्क और उनके एवज में मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी ली गई थी। इनके प्रमाणन के लिए दस्तावेज भी देखे गए थे। स्कूलों में अनियमितताएं भी मिली थी, लेकिन जांच के 10 माह बाद भी अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ कि ये अनियमितताएं किस स्तर की थी। इन स्कूलों पर कोई कार्रवाई भी नहीं गई।
सेंट जोसफ कान्वेंट स्कूल
पारस विद्या बिहार स्कूल
दीपक मेमोरियल स्कूल
सेंट मैरी कॉन्वेंट स्कूल
किड्स एकेडमी स्कूल
पर्ल पब्लिक स्कूल वर्शन
स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि वो किताबों की सूची को बोर्ड पर चस्पा करें। शासन के निर्देशों के लिए सभी स्कूलों को पालन करना होगा। अभिभावकों की शिकायतों के आधार पर स्कूलों में कार्रवाई भी की जाएगी।
अरविंद जैन, जिला शिक्षा अधिकारी