रविवार को बीएमसी के एसएनसीयू में भर्ती बच्ची की संदेहास्पद मौत के बाद परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया था। पिता अरुण अहिरवार ने आरोप लगाया कि ब्लोअर हीटर से बच्ची का पैर झुलसा। सोमवार को उसकी मौत के दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई पर अड़ते हुए परिजनों ने चक्काजाम कर दिया। अपनी पोती का शव गोद में रखकर दादी सड़क पर बैठ गईं।
भीम आर्मी और अहिरवार महापंचायत ने भी धरना दे दिया। पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी सुबह से रात तक परिजनों को समझाने की कोशिश करते रहे। सोमवार सुबह 10 बजे शुरू हुआ चक्काजाम रात 7.30 बजे बमुश्किल खत्म हुआ।
प्रशासन ने परिजनों को 3 लाख रुपए की सहायता राशि दी। इधर बीएमसी के अधीक्षक डॉ. राजेश जैन ने बताया कि बच्ची का पोस्टमॉर्टम डॉक्टरों के पैनल से कराया है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से मौत की वजह सामने आ जाएगी। मामले की विभागीय जांच कराई जा रही है जिसकी रिपोर्ट पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मामले की जांच रिपोर्ट तीन दिन में देनी है।
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एमपी में बीजेपी विधायक को दिया नोटिस, सरकार पर सवाल उठाने पर पार्टी नाराज सानौधा निवासी मासूम की मौत के बाद सत्ता पक्ष से जुड़े नेता भी अब सागर के बीएमसी के खिलाफ खुलकर बोल रहे हैं।सागर विधायक, पूर्व मंत्री और प्रदेश बीजेपी के वरिष्ठ नेता विधायक गोपाल भार्गव Gopal Bhargava के बेटे अभिषेक दीपू भार्गव Abhishek Deepu Bhargava ने भी इस मामले में सख्त टिप्पणी की है। उन्होंने सोशल मीडिया में सागर के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज यानि बीएमसी की स्वास्थ्य सुविधाओं को कठघरे में खड़ा कर दिया है।
अभिषेक दीपू भार्गव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखकर आरोप लगाया कि बीएमसी का स्टॉफ मरीजों को ऐसे देखता है, जैसे कोई आतंकवादी आ गया हो। उन्होंने आरोप लगाया कि यहां के डाक्टर्स बाहर प्राइवेट अस्पतालों में ज्यादा सेवाएं दे रहे हैं। बीएमसी का स्टॉफ, छोटी छोटी बातों पर मरीजों और उनके परिजनों से मारपीट पर उतर आता है।