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पानी की तलाश में रहवासी क्षेत्र में पहुंच रहे वन्यजीव, 2 माह में दो हिरण की मौत, तेंदुआ बच गया

सागर. तेज गर्मी शुरू होते ही वन्यजीवों का मूवमेंट रहवासी क्षेत्रों की तरफ बढ़ गया है। पानी की तलाश में वह भटकते हुए जंगल से आबादी वाले क्षेत्रों पर पहुंच रहे हैं और इस दौरान घटनाएं भी हो रहीं हैं। पिछले 2 माह की बात करें, तो पानी की तलाश में भटकते हुए एक काले […]

सागरApr 22, 2025 / 07:54 pm

प्रवेंद्र तोमर

सागर. तेज गर्मी शुरू होते ही वन्यजीवों का मूवमेंट रहवासी क्षेत्रों की तरफ बढ़ गया है। पानी की तलाश में वह भटकते हुए जंगल से आबादी वाले क्षेत्रों पर पहुंच रहे हैं और इस दौरान घटनाएं भी हो रहीं हैं। पिछले 2 माह की बात करें, तो पानी की तलाश में भटकते हुए एक काले हिरण की कुएं में गिरने से मौत हो गई, तो एक हिरण को कुत्तों के झुंड ने हमला कर मार डाला। गनीमत यह रही कि रविवार 20 अप्रेल को रानीपुरा गांव में किसान ने समय रहते तेंदुआ की कुएं में गिरने की सूचना वन अमले को दे दी, तो उसे रेस्क्यू कर बचा लिया गया। यदि किसान खेत पर नहीं पहुंचता तो तेंदुआ के कुएं में गिरने का पता ही नहीं चलता। ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ समय से पानी की तलाश में हिरणों के झुंड भी खेतों में नजर आ रहे हैं।
– कुत्तों के हमले से हिरण की मौत

23 मार्च को उत्तर वन मंडल के सानौधा निवासी किसान दीपक पटेल के खेत में पानी की तलाश में आए हिरण पर कुत्तों के झुंड ने हमला कर दिया। कुत्ते हिरण को यहां से वहां खचोड़ते रहे, किसान ने बचाने का प्रयास भी किया, लेकिन कुछ देर बाद हिरण की मौत हो गई थी। सूचना के बाद मौके पर पहुंचा वन अमला हिरण को अपने साथ ले गया।
– कुएं में गिरने से काले हिरण की मौत

21 फरवरी को सानौधा थाना क्षेत्र के खैजरा बुधु गांव निवासी किसान राकेश जैन के खेत में बने कुएं में एक काले हिरण का शव मिला। किसान राकेश जैन खेत पर पहुंचे, तो उन्हें बदबू आई, जिसके बाद जब वह कुएं के पास पहुंचे, तो वहां उन्होंने मरा हुआ हिरण कुआं में पड़ा देखा।
– कुएं में मिला था मृत तेंदुआ

सानौधा क्षेत्र में वन्यजीवों की संदिग्ध मौत के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। 15 दिसंबर 2024 को अमोदा गांव निवासी दीपक लोधी के खेत में बने कुएं में एक तेंदुआ मृत अवस्था में मिला था। सूचना पर वन अमला मौके पर पहुंचा और शिकार की आशंका के चलते वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व की डॉग स्क्वॉड से सर्चिंग भी कराई थी, हालांकि शिकार के कोई प्रमाण नहीं मिले थे।
– जलस्त्रोत साफ करा दिए थे विभाग ने

दो माह पहले ही जंगलों से लगे ऐसे जलस्त्रोतों की सफाई करा दी थी, जिनके आसपास वन्यजीव पहुंचते हैं। गर्मियों में जंगल, पहाड़ों में जलस्त्रोत सूख जाते हैं, इसलिए वन्यजीवों का मूवमेंट खुले क्षेत्रों में होता है। यह स्थिति हर साल बनती है और वह जंगल से बाहर निकलते हैं। इसलिए वन्यजीवों को भी यह पता रहता है कि आसपास कहां जलस्त्रोत हैं। ऐसे वह कई बार शहर, गांव के पास भी पहुंच जाते हैं।
– चंद्रशेखर सिंह, डीएफओ, उत्तर वन मंडल

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