देश-दुनिया की तरह एमपी में भी च़़ैत्र नवरात्रि की धूम शुरु हो चुकी है। दुर्गा माता के दर्शन और पूजन के लिए प्रदेशभर के देवी मंदिरों में भक्त उमड़े हैं। मैहर के विश्व विख्यात शारदा माता मंदिर में भी दर्शन के लिए पहुंचे भक्तों की लंबी लाइन लगी है।
मां शारदा का यह प्रसिद्ध मंदिर 600 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। त्रिकूट पर्वत पर बने मंदिर में सुबह पट खुलते ही भक्त दर्शन के लिए टूट पड़े। भक्तों की सुविधा के लिए सुबह 3 बजे से ही मंदिर के पट खोल दिए गए थे। नवरात्र के दौरान यहां 12 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है।
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महिला ने की ऐसी शिकायत कि टेंशन में आ गए प्रिंसीपल, हार्ट अटैक से हो गई मौत मंदिर और भक्तों के लिए इस बार कड़े सुरक्षा इंतजाम किए हैं। परिसर में सीसीटीवी लगाए गए हैं और ड्रोन कैमरों से भी निगरानी की जा रही है।
मां शारदा धाम को 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। यहां मां सती का हार गिरा था। इसलिए धाम को मईया का हार यानि मैहर का नाम दिया गया। शारदा माता मंदिर से कई मान्यताएं और किंवदंतियां जुड़ी हुई हैं। मंदिर के पुजारी और समिति सदस्य बताते हैं कि रात में ताला लगाने के बाद जब वहां कोई नहीं रहता तब भी मंदिर से घंटी बजने और आरती की आवाज आती है।
खास बात तो यह है कि सुबह जब पुजारी मंदिर के ताला खोलकर दरवाजे खोलते हैं तो उन्हें माता के चरणों में फूल चढ़े मिलते हैं। पंडित, पुजारी और स्थानीय लोग कहते हैं कि कई बार कोशिश करने के बाद भी आज तक यह रहस्य कोई नहीं सुलझा सका।
कहा जाता है कि आदिगुरू शंकराचार्य ने यहां सबसे पहले मां शारदा की पूजा की थी। मंदिर में स्थापित शारदा माता की प्रतिमा करीब 1500 साल पुरानी है।