सतना। सरकारी खजाने को 7 करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचाते हुए बस डिपो की जमीन को प्लाट में बदलने वाले लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग की विक्रीत जमीन अब आस पास के रहवासियों के लिए भी परेशानी का सबब बनने वाली है। गाइड लाइन से भी कम रेट में जमीन हासिल करने वाले समदडिया बिल्डर्स ने जिस मनमाने तरीके से जमीन अपने नाम करवाई अब उसके नामांतरण में पेंच फंस गई है और नामांतरण नहीं हो पा रहा है। उसकी गलती को सही करने के लिए जिला प्रशासन ने अब सिंधी कैम्प और चाणक्यपुरी कॉलोनी के नक्शे में सुधार करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय बुधवार को समदडिया के प्रतिनिधि मंडल से चर्चा के बाद लिया गया है। इस बैठक में कलेक्टर डॉ सतीश कुमार एस, एडीएम स्वप्निल वानखेड़े, निगमायुक्त शेर सिंह मीना, एसडीएम राहुल सिलाडिया मौजूद रहे। हालांकि इस मसले पर कोई भी अधिकारी आधिकारिक तौर पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।
बैठक के बाद निर्णय बस डिपो के अंश भाग को खरीदने के बाद समदडिया का प्लाट नामांतरण के लिए अटका हुआ है। इसे लेकर बुधवार को कलेक्टर से समदडिया का प्रतिनिधिमंडल मिला। इस मुलाकात और चर्चा के बाद यह तय किया गया है कि नक्शे का मिलान अगर नहीं हो रहा है तो यहां का नक्शा सुधार किया जाए। अब कहा जा रहा है कि यहां का नक्शा गलत है। सवाल यह है कि अगर नक्शा गलत था तो आज तक राजस्व अमला और अधिकारी क्या कर रहे थे। अभी तक इतनी खरीद बिक्री यहां जमीनों की हुई लेकिन कोई शिकायत नहीं आई। लेकिन समदडिया के मामले में ही नक्शा गलत हो गया।
इस तरह होगा नक्शा सुधार नक्शा सुधार के लिए इस आराजी से लगे सिंधी कैम्प और चाणक्यपुरी कालोनी के कई बटांक नंबरों का सुधार किया जाएगा। इसके लिए संबंधित भू-स्वामियों का भी पक्ष लिया जाएगा। कुल मिलाकर अब बड़ी प्रक्रिया इसके लिए जिला प्रशासन करने जा रहा है। जबकि यह गलती लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग और समदडिया की है। सवाल यह है कि जब लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग प्रोजेक्ट तैयार कर रहा था उस वक्त उसने क्या देखा था और राजस्व अधिकारी क्या कर रहे थे। स्पष्ट है कि पूरा खेल गुपचुप तरीके से ऊपर ही ऊपर हुआ और अब गलती पकड़ में आई तो नक्शा गलत बता दिया गया।
यह फंसी है पेंच न्यायालयीन कार्यवाही के बाद समदडिया बिल्डर्स ने आनन फानन में रजिस्ट्री करवाई। राजस्व अधिकारियों से जमीन की जानकारी लिए बिना खुद की समझ पर संबंधित नंबरों की रजिस्ट्री करवा ली। नामांतरण के लिए पहुंचे तो पता चला कि इनके नंबरों का मिलान मूल नक्शे से नहीं हो रहा है। हुआ यह है कि जिन नंबरों की रजिस्ट्री हुई है वे नंबर अगल बगल न होकर काफी दूर-दूर हैं। लिहाजा इन नंबरों को अगल बगल लाने के लिए सिंधी कैम्प और चाणक्यपुरी के नक्शे सुधारे जाएंगे।
रीवा का नाम बदल कर समदड़िया नगर कर दो हालिया विधानसभा सत्र में विधायक अभय मिश्रा ने सतना के पोलिटेक्निक कॉलेज की जमीन को समदड़िया को दिये जाने का मामला उठाया था। इसी में रीवा में समदड़िया को काफी कम कीमतों पर नियमविरुद्ध जमीनें देने की चर्चा भी आई थी। इस दौरान विधायक अजय सिहं राहुल ने चुटकी ली थी कि रीवा का नाम बदल कर समदड़िया नगर कर देना चाहिए।
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