
‘स्त्री की दिव्यता सृष्टि के प्रत्येक हिस्से से जुड़ी’
कोठारी रविवार को पत्रिका के संस्थापक श्रद्धेय कर्पूरचंद्र कुलिश के जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में सवाई माधोपुर के रणथम्भौर रोड स्थित सेंचुरी रिसॉर्ट में ‘स्त्री देह से आगे’ विषय विवेचन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर विभिन्न संगठनों की ओर से कोठारी का स्वागत किया गया।

महिलाओं से संवाद करते हुए कोठारी ने कहा कि स्त्री की दिव्यता सृष्टि के प्रत्येक हिस्से से जुडी हुई है, जिससे वह मां रूपी त्रिकालदर्शी के रूप में जानी जाती है। उन्होंने कहा मां ही सबका निर्माण करती है, इसलिए भारतीय ग्रंथों में नारी को देवी कहा गया। प्रत्येक स्त्री और पुरुष दोनों ही अर्द्धनारीश्वर है और दोनों एक-दूसरे में समाहित है।
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‘संस्कार के अभाव के चलते जल्दी तलाक’
कोठारी ने आधुनिक दौर में विवाह विच्छेद पर तार्किक चर्चा करते हुए कहा कि आज के लड़कों में करुणा व संवेदनशीलता नहीं है, वह आक्रामक हैं। जबकि एक लड़की को बचपन से परिवार की सभी जिम्मेदारियों का निर्वहन करना सिखाया जाता है।