पेंच में हैं अनुकूल परिस्थितियां
पेंच टाइगर रिजर्व सिवनी क्षेत्र में वन्यप्राणियों के अनुकूल परिस्थियां हैं। यहां घास के मैदान हैं, जहां से चीतल, नीलगाय, बायसन जैसे वन्यप्राणियों को पर्याप्त खुराक मिलती है। जिससे इनकी लगातार तादाद भी बढ़ रही है। इन वन्यप्राणियों के बढऩे से बाघ-तेंदुआ जैसे वन्यप्राणी भी आसानी से शिकार मिलने से इन्हीं इलाकों को अपना ठिकाना बनाए हुए हैं।
बाजीराव की तरह जलपाटा भी बनी पसंद
रूखड़ में कान्हा टाइगर रिजर्व से करीब 150 किमी का सफर तय कर आए बाघ का नाम बाजीराव रखा गया था, जो अब भी पर्यटकों के लिए पसंदीदा नाम बना हुआ है। पेंच आने वाले पर्यटक बाजीराव को देखने की डिमांड करते हैं। अब तेलिया गेट से आने वाले पर्यटकों के बीच भी जलपाटा नाम काफी चर्चा में है। तेलिया गेट से पर्यटकों को जंगल सफारी पर पेंच की जानकारी देने वाले गाइड अरविंद भलावी ने बताया कि बाघिन का नाम जलपाटा रखा गया है, पहले इसे लोग तारू भी कह रहे थे।