रेलवे के नियम के अनुसार ट्रेन के निर्धारित दूरी तक चलने के बाद उसका मेंटनेंस पिट लाइन में किया जाता है। ट्रेन के बोगियों के ब्रेक सू सहित अन्य सामान बदले जाते हैं। यह भी जांच की जाती है कि किसी बोगी में कोई पाट्र्स खराब या फिर ढीला तो नहीं है। पूरी जांच के बाद ट्रेन की बीपीसी जारी होती है। इसकी एक्सपायरी डेट भी इस पर लिखी होती है। अब तक छिंदवाड़ा स्टेशन में इसलिए समस्या नहीं आई थी कि इतवारी में पैसेंजर ट्रेनों का मेंटनेंस हो जाता था। नैनपुर से छिंदवाड़ा आने के बाद पैसेंजर ट्रेन की रैक छिंदवाड़ा से इतवारी के लिए इस्तेमाल हो जाती थी और इसका मेंटनेंस भी इतवारी में हो जाता था, लेकिन रेलवे ब्रिज नंबर-94 में दरार के चलते इतवारी से छिंदवाड़ा तक पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन नहीं हो रहा है। ऐसे में छिंदवाड़ा से सिवनी होते हुए नैनपुर तक चलने वाली पैसेंजर ट्रेनों का मेंटनेंस इस समय गोंदिया में किया जा रहा है। जिम्मेदारों ने ध्यान नहीं दिया और खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ा।
यात्री दिनेश सहारे ने बताया कि पूरे परिवार के साथ वे सिवनी स्टेशन में शाम साढ़े छह बजे आ गए थे। मेरे साथ बच्चा, पिता और माता भी हैं। हमारे पास केवल ट्रेन के किराए के पैसे हैं। बताया जा रहा है कि ट्रेन रात 11 बजे के बाद आएगी। स्टेशन पर ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है जिससे ठंड से बचा जा सके। ऐसे में कैसे काम चलेगा। रेलवे को इस पर ध्यान देना चाहिए। उनकी लापरवाही का खामियाजा हमलोगों को भुगतना पड़ रहा है।
पैसेंजर ट्रेन छिंदवाड़ा से रवाना होने के बाद घाटपरासिया, उमरिया इशरा, झिलमिली, मरकाहांडी, चौरई, कपूर्दा, समसवाड़ा, पिपरडाही, मातृधाम, सिवनी, भोमा, कान्हीवाड़ा, जुरतरा, पलारी, खैरी, केवलारी, बोथिया, गंगाटोला, खैरांजी होते हुए नैनपुर तक जाती है। यह ट्रेन प्रतिदिन छिंदवाड़ा से शाम 6 बजे रवाना होती है और सिवनी शाम 7.23 बजे एवं नैनपुर रात 9.30 पहुंचती है। अधिकतर स्टेशन पर आरपीएफ एवं जीआरपी की व्यवस्था नहीं है। शुक्रवार रात ट्रेन के देरी से चलने की वजह से यात्रियों को सुनसान स्टेशन पर ट्रेन का इंतजार करना पड़ा।