- जबकि आम की फसल मई और जून में पक कर तैयार होती है। एक व्यक्ति को एक दिन में केवल 20 से 30 ग्राम चीनी की आवश्यकता होती है, लेकिन बाजार में उपलब्ध रसों में बड़ी मात्रा में फुड कलर और चीनी मिलाई जाती है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
बाजार में 20-20 रुपए में एसेंस कलर की 5 से 10 ग्राम की शीशी आती है। यह ओरेंज, पाइनेपल, मैंगो सभी फ्लेवर में उपलब्ध हैं। एसेंस कलर की एक शीशी से 20 लीटर तक शर्बत-जूस तैयार हो सकता है। जबकि आम वर्तमान में 100 से 140 रुपए किलो तक बिक रहे हैं। एक किलो आम से 5 गिलास ज्यूस बन सकता है। एक किलो आम रस में दूध मिलाने पर 5 से 6 ग्लास शेक बनता है। दूध, आम और चीनी की कीमत जोड़ें तो एक गिलास कम से कम 25 रुपए में पड़ता है। जबकि बाजार में 10 से 15 रुपए प्रति गिलास में बाजार में बेचा जा रहा है।
फ्लेवर वाले जूस में शामिल तत्व सेहत के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इनमें आर्टिफिशियल स्वीटनर, प्रिजर्वेटिव और रंग शामिल हो सकते हैं जो पाचन तंत्र, किडनी और हृदय पर बुरा असर डाल सकते हैं। ये जूस एसिडिटी, गैस और पेट दर्द का कारण बन सकते हैं। एसेंस व कलर से बना ज्यूस नियमित सेवन से किडनी व लीवर को नुकसान पहुंचता है। अन्य जानलेवा बीमारियां भी होती हैं। ज्यूस में गंदा पानी भी मिला हो सकता है। इस समय काफी बच्चे जिला अस्पताल में आ रहे हैं। डायरिया, पीलिया की शिकायत हो रही है।
शहर में बिकने वाले ज्यूस वाले दुकानों पर जल्द ही सेम्पल लिया जाएगा। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।
सोनू तिवारी, फूड इंस्पेक्टर, सिवनी